नई दिल्ली, 30 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी देश हो, उसके विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान उसकी उपलब्धियों का सच्चा प्रतिबिंब होते हैं। DU की भी इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने ही ऐतिहासिक पड़ाव आए। दिल्ली यूनिवर्सिटी सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि एक मूवमेंट रही है। इस यूनिवर्सिटी ने हर मूवमेंट को जिया है, इस यूनिवर्सिटी ने हर मूवमेंट में जान भर दी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री ने रखी 3 भवनों की आधारशिला
पीएम मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बाते कहीं। उन्होंने इस दौरान तीन भवनों – दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर, प्रौद्योगिकी संकाय भवन और अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी। ये भवन विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में बनाए जाएंगे।
इससे पहले पीएम मोदी ने विश्वविद्यालय के अब तक के सफर पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अपनी हालिया अमेरिका यात्रा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (आईसीईटी) को लेकर हुए एक समझौते मात्र से देश के युवाओं के लिए जमीन से लेकर अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर से लेकर कृत्रिम मेधा (एआई) तक नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, ‘यह आहट है कि भविष्य का भारत कैसा होने वाला है, आपके लिए कैसे-कैसे अवसर दस्तक दे रहे हैं।”
‘शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि सीखने की भी प्रक्रिया है’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि सीखने की भी प्रक्रिया है और लंबे समय तक शिक्षा को लेकर ध्यान इस बात पर केंद्रित रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन हमने फोकस इस बात पर भी शिफ्ट किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। आप सभी के सामूहिक प्रयासों से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार हुई है और छात्रों को यह बड़ी सुविधा मिली है कि वह अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।’
सरकार शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा की भविष्योन्मुखी नीतियों और निर्णयों का परिणाम है कि आज भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक पहचान बढ़ रही है। साल 2014 में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में केवल 12 भारतीय विश्वविद्यालय होते थे, लेकिन आज यह संख्या 45 हो गई है।’
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो की सवारी की। उन्होंने लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन से दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन तक का सफर तय किया। इस दौरान उन्हें यात्रियों से संवाद करते देखा गया। पीएम ने एक ट्वीट में कहा, ‘दिल्ली मेट्रो से दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के लिए जाते समय। युवाओं को अपने सह-यात्री के रूप में पाकर खुश हूं।’
प्रधानमंत्री ने अपनी इस यात्रा से जुड़ी तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं। दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना एक मई 1922 को हुई थी। पिछले 100 वर्षों में विश्वविद्यालय का काफी विस्तार हुआ है और अब इसमें 90 कॉलेज और 86 विभाग हैं। अब तब छह लाख से अधिक विद्यार्थी दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर चुके हैं।