नई दिल्ली, 23 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और इसमें भारत का दर्जे को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने बुधवार की शाम यहां ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
कोविड काल के बाद एक नई विश्व व्यवस्था का उदय होगा
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस संकट ने हमें नई सीख दी, नई चुनौतियां सामने रखीं और मौजूदा व्यवस्था को डगमगा दिया। इससे कोविड बाद के दौर में एक नई विश्व व्यवस्था का उदय होगा। 21वीं सदी एशिया की सदी है और इसमें एशिया में भारत के दर्जे को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।’
आजादी का अमृत महोत्सव युवाओं में यह कर्तव्य बोध जागृत करेगा
पीएम मोदी ने कहा कि यह अवसर वर्ष-2047 में आजादी के शतवार्षिकी समारोहों पर ध्यान केंद्रित करने का भी है। उस समय व्यवस्था और देश का भविष्य मौजूदा पीढ़ी के हाथों में होगा। इसलिए अभी यह निर्णय लेना महत्वपूर्ण है कि उनमें किन योग्यताओं का समावेश किया जाए ताकि वे इस दायित्व को संभालने और देश के भविष्य के लिए योगदान
अमृत महोत्सव के आयोजन में जन भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील
प्रधानमंत्री ने मोदी ने अमृत महोत्सव के आयोजन में जन भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और अज्ञात योद्धाओं का योगदान हमेशा याद रखा जाना चाहिए।
समिति के सदस्यों ने आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने स्वागत भाषण में इस अभियान के उद्देश्य और प्रमुख पांच स्तंभों का उल्लेख किया। समापन संबोधन में गृह मंत्री ने मूल्यवान सुझावों के लिए पीएण मोदी और राष्ट्रीय समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय समिति की पहली बैठक इस वर्ष आठ मार्च को हुई थी और 12 मार्च को पीएम मोदी ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का शुभारंभ किया था।