नई दिल्ली, 21 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संसद में तीन आपराधिक कानून विधेयकों – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 का पारित होना भारतीय इतिहास के लिए महत्वपूर्ण क्षण हैं।
सोशल मीडिया पर गुरुवार की रात एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, ‘ये विधेयक औपनिवेशिक काल की समाप्ति और जनसेवा तथा कल्याण के नए युग की शुरुआत के प्रतीक हैं।’ इन विधेयकों को सुधार के प्रति भारत की वचनबद्धता का प्रमाण बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘इनसे हमारी न्याय, नीति और जांच प्रणालियों में नए युग की शुरूआत होगी, जिसमें प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक विज्ञान पर बल दिया जाएगा। ये विधेयक हमारे समाज के निर्धन, सीमांत और कमजोर वर्गों के लिए संरक्षा सुनिश्चित करेंगे।’
The passage of Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023, Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 and Bharatiya Sakshya Adhiniyam, 2023 is a watershed moment in our history. These Bills mark the end of colonial-era laws. A new era begins with laws centered on public service and welfare.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2023
उल्लेखनीय है कि आज शाम राज्यसभा में भारतीय न्याय द्वितीय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा द्वितीय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य द्वितीय विधेयक 2023 पारित किए गए। राज्यसभा ने इन तीनों विधेयकों को मंजूरी दी। लोकसभा इसे बुधवार को ही स्वीकृति दे चुकी थी। भारतीय न्याय द्वितीय संहिता 2023, भारतीय दण्ड संहिता 1860 का स्थान लेगा। यह देश में फौजदारी अपराधों पर प्रमुख कानून है। नये विधेयक में सामुदायिक सेवा को सजा के रूप में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही संसद का शीतकालीन सत्र निर्धारित अवधि से एक दिन पहले गुरुवार को समाप्त हो गया और दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। इस माह की चार तारीख को शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त होना था।