वाराणसी, 17 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौर के पहले रविवार की शाम गंगा किनारे स्थित भव्य नमो घाट पर काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया और विश्वास जताया कि काशी-तमिल संगमम का ये संगम इसी तरह देश की सांस्कृतिक विरासत को सशक्त करता रहेगा और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाता रहेगा।
‘एक राष्ट्र के तौर पर आध्यात्मिक आस्थाओं से बना है भारत‘
केंद्रीय मंत्रीद्वय एल. मुरुगन व धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित तमिलमाडु से आए विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में पीएम मोदी ने कहा, ‘आप दुनिया की कोई भी सभ्यता देख लीजिये, विविधता में आत्मीयता का ऐसा सहज और श्रेष्ठ स्वरूप आपको शायद ही कहीं मिलेगा। अभी हाल ही में G-20 समिट के दौरान भी दुनिया भारत की इस विविधता को देखकर चकित थी। दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है, लेकिन भारत एक राष्ट्र के तौर पर आध्यात्मिक आस्थाओं से बना है।’
प्रधानमंत्री ने ‘हर-हर महादेव’, ‘वणक्कम काशी’ व ‘वणक्कम तमिलनाडु’ के उद्घोष से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “आप सब इतनी बड़ी संख्या में सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके काशी आए हैं। काशी में आप सब अतिथि से ज्यादा मेरे परिवार के सदस्य के तौर पर यहां हैं। मैं आप सभी का ‘काशी तमिल संगमम’ में स्वागत करता हूं।’
‘तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना‘
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है – महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना। तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है – मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना। इसीलिए, तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच हृदय में जो प्रेम है, जो संबंध है, वो अलग और अद्वितीय है।’
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पहली बार प्रयोग
पीएम मोदी के संबोधन की खासियत यह रही कि उन्होंने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का प्रयोग किया। तमिल श्रोताओं ने ईयरफोन लगाया तो पीएम मोदी की हिन्दी समझन में उन्हें सहूलियत हुई। पीएम मोदी ने कहा, ‘यह एक नई शुरुआत है और उम्मीद है कि इससे मेरे लिए आप तक पहुंचना आसान हो जाएगा।’
उन्होंने कहा, “एक बार काशी के विद्यार्थी रहे सुब्रमण्य भारती ने लिखा था – ‘काशी नगर पुलवर् पेसुम् उरैताम् कान्चियिल् केट्पदर्कु ओर् करुवि सेय्वोम्।’ वो कहना चाहते थे कि काशी में जो मंत्रोच्चार होते हैं, उन्हें तमिलनाडु के कांची शहर में सुनने की व्यवस्था हो जाए तो कितना अच्छा होता। आज सुब्रमण्य भारती जी की वो इच्छा पूरी हो रही है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘काशी तमिल संगमम की आवाज पूरे देश में, पूरी दुनिया में जा रही है। मैं इस आयोजन के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों को, यूपी सरकार को और तमिलनाडु के सभी नागरिकों को बधाई देता हूं। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की ये भावना उस समय भी नजर आई जब हमने संसद के नए भवन में प्रवेश किया। नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है। आदीनम् के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल 1947 में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था।
उन्होंने कहा, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का यही प्रवाह है, जो आज हमारे राष्ट्र की आत्मा को सींच रहा है। जब उत्तर में आक्रांताओं द्वारा हमारी आस्था के केन्द्रों पर, काशी पर आक्रमण हो रहे थे, तब राजा पराक्रम पाण्डियन् ने तेनकाशी और शिवकाशी में ये कहकर मंदिरों का निर्माण कराया कि काशी को मिटाया नहीं जा सकता। इस दौरान उन्होंने काशी-कन्याकुमारी ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई।
बनारस-कन्याकुमारी के बीच ‘काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस’ को भी हरी झंडी दिखाई
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कन्याकुमारी और बनारस के बीच ‘काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस’ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 17 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक आयोजित ‘काशी तमिल संगमम’ के दूसरे संस्करण के दौरान तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के 1,400 लोग वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे। एक सरकारी बयान के मुताबिक कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी की कला, संगीत, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन एवं अन्य विशेष उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके अलावा काशी और तमिलनाडु की संस्कृतियों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।
विकसित भारत संकल्प यात्रा (नगरीय) के साथ शुरू हुई काशी दौरे की शुरुआत
इसके पहले पीएम मोदी रविवार तीसरे पहर काशी पहुंचे। दो दिनों के उनके चार कार्यक्रमों की शुरुआत मिंट हाउस (नदेसर) स्थित कटिंग मेमोरियल स्कूल के मैदान पर विकसित भारत संकल्प यात्रा (नगरीय) के साथ हुई। वहां उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे तक केद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़े स्टॉल देखे, वहां मौजूद चुनिंदा लाभार्थियों से योजना के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने लाभार्थियों को विकसित भारत का संकल्प भी दिलाया।
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, पीएम स्वनिधि, आधार, मुद्रा लोन, पीएम आवास के अलावा शिल्प, हस्तशिल्प, नंद घर, निपुण भारत, कृषि क्षेत्र के विकास से संबंधित योजनाओं से जुड़े स्टॉल पर सबसे पहले अधिकारियों से संबंधित योजना की प्रगति पूछी। फिर लाभार्थियों से संवाद किया। सभी स्टॉल देखने के बाद वह लाभार्थियों के बीच जाकर बैठ गए, फिर योजनों से जुड़े लाभार्थियों को मंच पर बुलवाकर उसके अनुभव साझा कराए। इस दौरान पीएम के सवाल और लाभार्थी के जवाब का भी क्रम चला।