Site icon hindi.revoi.in

वेंकैया नायडू की विदाई पर पीएम मोदी बोले – आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा

Social Share

नई दिल्ली, 8 अगस्त। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में राज्यसभा यानी उच्च सदन में विदाई दी गई। नायडू बुधवार को पद छोड़ देंगे और नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे।

आपने युवाओं को सदैव आगे बढ़ाने का काम किया

पीएम मोदी ने विदाई भाषण में कहा, ‘हम सब यहां राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को उनके कार्यकाल के समापन पर धन्यवाद देने के लिए मौजूद हैं। यह इस सदन के लिए बहुत ही भावुक क्षण है। सदन के कई ऐतिहासिक क्षण आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हैं। आपने हमेशा युवाओं के लिए काम किया और उनका मार्गदर्शन किया।’

‘आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अनेक बार आप कहते रहे हैं कि मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से नहीं थका हूं। आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा। हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा। हम इस बार ऐसा स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, अध्यक्ष और प्रधानमंत्री वे सभी लोग हैं, जो स्वतंत्र भारत में पैदा हुए थे और ये सभी बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से हैं। मुझे लगता है कि इसका प्रतीकात्मक महत्व है।’

आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का मुझे भी सौभाग्य मिला

पीएम मोदी ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मेरा यह सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग-अलग भूमिकाओं में देखा है। आपकी बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी रहीं, जिनमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है।’

‘आपने कभी किसी काम को बोझ नहीं समझा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति के रूप में आपकी गरीमा और निष्ठा, मैंने आपको अलग अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम करते हुए देखा है। आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है।’

पीएम मोदी ने कहा, आपका ये जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखी है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।’

देश के लिए भावनाएं हों तो भाषा, क्षेत्र हमारे लिए कभी भी दीवार नहीं बनती

उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे पास देश के लिए भावनाएं हों, बात कहने की कला हो, भाषा की विविधता में आस्था हों तो भाषा, क्षेत्र हमारे लिए कभी भी दीवार नहीं बनती हैं। ये सब आपने(एम. वेंकैया नायडू) सिद्ध किया है।’

Exit mobile version