Site icon hindi.revoi.in

मणिपुर की घटना पर बोले पीएम मोदी- इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता

Social Share

नई दिल्ली, 20 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने की कथित घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इससे पूरे देश की बेइज्जती हुई है।

संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है…इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्रदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है… लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘घटना चाहे राजस्थान की ही, घटना चाहे छत्तीसगढ़ की हो, चाहे मणिपुर की हो…. इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। कानून पूरी सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा।’’ मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की कथित घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।

‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ‘घृणित’ घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है और वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं तथा उनसे मिन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ज्ञात हो कि मणिपुर में करीब दो माह से जातीय हिंसा हो रही है। इस मुद्दे पर पहली बार प्रधानमंत्री ने कुछ बोला है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 लोगों की जान जा चुकी है।

Exit mobile version