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प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा – गांव परिवर्तन लाने के साथ उसका नेतृत्व भी कर सकते हैं

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नई दिल्ली, 10 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के गांव न सिर्फ बदलाव ला सकते हैं बल्कि वे परिवर्तन का नेतृत्‍व भी कर सकते हैं। रविवार को गुजरात के सूरत में प्राकृतिक खेती सम्‍मेलन को वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान की असाधारण सफलता उन लोगों के लिए भी एक जवाब है, जो अक्‍सर कहा करते हैं कि गांव में बदलाव लाना आसान नहीं है।

हमारा जीवन, स्‍वास्‍थ्‍य और समाज, कृषि प्रणाली का आधार

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘भारत, स्‍वभाव और संस्‍कृति से एक कृषि आधारित देश रहा है। हमारा जीवन, स्‍वास्‍थ्‍य और समाज, कृषि प्रणाली का आधार है। जैसे-जैसे किसान की उन्‍नति होती है, वैसे ही कृषि में प्रगति और समृद्धि आती है, जिससे देश प्रगति करता है।’

प्राकृतिक खेती करने से धरती मां की सेवा के साथ उत्पादकता भी बढ़ती है

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से धरती मां की सेवा होती है और मिट्टी की उर्वरकता की रक्षा के साथ उत्‍पादकता बढती है। किसान प्राकृतिक खेती कर कुदरत की सेवा और पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती से किसानों को गौ माता की सेवा करने का लाभ भी मिलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में कई लक्ष्‍यों पर काम शुरू किया गया है, जो आने वाले समय में बडा बदलाव ला सकते हैं। उन्‍होंने प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए किसानों को और इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए गांवों के सरपंचों को बधाई दी। सम्‍मेलन में विभिन्‍न गांवों के किसानों और कृषि निकायों ने भाग लिया।

पीएम ने गुजरात पंचायत महासम्‍मेलन में प्राकृतिक खेती अपनाने की बात कही थी

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने इस वर्ष मार्च में गुजरात पंचायत महासम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रत्‍येक गांव के कम से कम 75 किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की बात कही थी। आजादी का अमृत महोत्‍सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री की इस परिकल्‍पना से प्रेरित होकर सूरत जिले में एक पहल की गई। इसके अंतर्गत किसान समूहों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, सहकारी संस्‍थाओं तथा  बैंकों और अन्‍य हितधारकों ने प्राकृतिक खेती अपनाने में किसानों की मदद करने के लिए समन्वित और प्रभावी प्रयास किए हैं।

सूरत के प्रत्‍येक गांव पंचायत में कम से कम 75 किसानों प्रशिक्षण दिया गया

इसी कड़ी में सूरत के प्रत्‍येक गांव पंचायत में कम से कम 75 किसानों का चयन कर उन्‍हें प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। जिले में लगभग 90 समूहों में 41 हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस सम्‍मेलन में सूरत में प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले हजारों किसान और अन्‍य हितधारक भाग ले रहे हैं।

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