नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है, लेकिन ये देश की एकता और अखंडता से भी जुड़ी हैं और हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहा मंथन सत्र सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है।
‘एक राष्ट्र, एक पुलिस वर्दी‘ का विचार भी पेश किया
पीएम मोदी ने इस चिंतन शिविर कार्यक्रम में ‘एक राष्ट्र, एक पुलिस वर्दी’ का विचार भी पेश किया और कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस पर चर्चा करनी चाहिए कि क्या यह संभव है। उन्होंने कहा, ‘अपराध वाली किसी भी जगह पर जैसे ही पुलिस पहुंचती है, लोगों में ये भाव आता है कि सरकार पहुंच गई। कोरोना काल में भी देखा गया कि किस तरह पुलिस की साख बेहतर हुई थी। आज एनडीआरएफ के लिए देशवासियों के मन में कितना सम्मान है। आपदा के समय जैसे ही NDRF-SDRF की टीम पहुंचती है, वैसे ही लोगों को संतोष होने लगता है कि अब एक्सपर्ट पहुंच गए हैं, अब ये अपना काम कर लेंगे।’
‘जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक, हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक, हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा। यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है। इसमें आप सभी की बहुत बड़ी भूमिका है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार, दो दिवसीय चिंतन शिविर आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का एक प्रयास है। शिविर पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।
‘आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं‘
उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी, पंच प्राणों के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता-एकजुटता और नागरिक कर्तव्य इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी जानते हैं।
गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्तम उदाहरण
पीएम मोदी ने कहा, ‘गृह मंत्रियों का ये चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्तम उदाहरण है। हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें, देश बेहतरी के लिए काम करे, ये संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है।’