समरकंद (उज्बेकिस्तान), 16 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत 70,000 से अधिक स्टार्टअप्स और 100 यूनिकॉर्न की भूमि है। भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो एक जन-केंद्रित विकास मॉडल पर केंद्रित है।
‘एससीओ को हमारे क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद दुनिया के सामने आर्थिक रूप से पटरी पर लौटने की चुनौती है। भारत एससीओ देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का समर्थन करता है। कोविड-19 और यूक्रेन में हालात के कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हुई है, जिससे खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट पैदा हुआ। एससीओ को हमारे क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए।’
At the SCO Summit in Samarkand, emphasised on the constructive role SCO can play in the post-COVID era particularly in furthering economic recovery and strengthening supply chains. Highlighted India’s emphasis on people-centric growth which also gives importance to technology. pic.twitter.com/kwF5bDESkR
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2022
‘आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं’
उन्होंने कहा, ‘लचीली आपूर्ति शृंखला के लिए बेहतर संपर्क सुविधा और एक-दूसरे को पारगमन अधिकार देना महत्वपूर्ण होगा। हम भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था की इस साल 7.5 फीसदी की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है और यह दर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। हमारे जन-केंद्रित विकास मॉडल में प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग पर काफी ध्यान दिया गया है। आज हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।’
इस सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं। आठ देशों के इस प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले और ताइवान जलडमरूमध्य में चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।
शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई। शिखर सम्मेलन के परिसर में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना
एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे। समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना है।