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‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी – महाकुंभ का संदेश एकता स्थापित करना और समाज से नफरत को खत्म करना है

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नई दिल्ली, 29 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘महाकुंभ’ को ‘‘एकता का महाकुंभ’’ बताया और लोगों से इस आगामी भव्य धार्मिक समागम से समाज से नफरत और विभाजन को खत्म करने के संकल्प के साथ लौटने का आग्रह किया।

पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आगामी 13 जनवरी से प्रयागराज में आयोजित इस समागम में शामिल होने वाले लोगों की विविधता के मद्देनजर कहा, ‘‘महाकुंभ का संदेश एक हो पूरा देश। विविधता में एकता के ऐसे दृश्य का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। महाकुंभ की विशेषता न केवल इसकी विशालता बल्कि इसकी विविधता में भी है।’’

यह विशाल धार्मिक आयोजन हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि आगामी गणतंत्र दिवस संविधान के लागू होने की 75वीं वर्षगांठ होगी, जो देशवासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा मार्गदर्शक है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने जीवन में इस स्तर तक संविधान के कारण ही पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को संविधान के प्रावधानों और भावना से जोड़ने के लिए ‘कॉन्स्टीट्यूशन75डॉटकॉम’ नामक एक वेबसाइट शुरू की गई है। विपक्षी दल केंद्र सरकार पर संविधान को कमजोर करने का अक्सर आरोप लगाते रहे हैं, जिसका सत्तारूढ़ दल ने जोरदार खंडन किया है।

पीएम मोदी ने संवैधानिक मूल्यों एवं भावना को मजबूत करने के अपनी सरकार के प्रयासों का कई बार जिक्र किया है और मुख्य विपक्षी कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि जब भी वह सत्ता में रही, उसने संविधान को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।

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