नई दिल्ली, 27 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मां और मातृभाषा मिलकर जीवन को मजबूती प्रदान करते हैं तथा कोई भी इंसान अपनी मां एवं मातृभाषा को न छोड़ सकता है और ना ही इनके बिना तरक्की कर सकता है।
पीएम मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 86वीं कड़ी में कहा, ‘हिन्दी भारत की प्रमुख भाषा है और हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि 2019 में हिन्दी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर थी। इसमें बड़ी बात यह है कि भारत में 121 मातृ भाषाएं हैं और इनमें 14 ऐसी हैं जिनमें से हर भाषा को एक करोड़ से ज्यादा लोग बोलते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले हमने मातृभाषा दिवस मनाया। मातृभाषा शब्द कहां से आया, इसकी उत्त्पति कैसे हुई, इसे लेकर विद्वान बहुत ऐकडेमिक इनपुट दे सकते हैं। मैं तो मातृभाषा के लिए यही कहूंगा कि जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है, वैसे ही, मातृभाषा भी, हमारे जीवन को गढ़ती है। मां और मातृभाषा, दोनों मिलकर जीवन के आधार को मजबूत बनाते हैं, चिरंजीव बनाते हैं। जैसे हम अपनी माँ को नहीं छोड़ सकते, वैसे ही अपनी मातृभाषा को भी नहीं छोड़ सकते।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे बरसों पहले अमेरिका में एक बार एक तेलुगू परिवार में जाना हुआ और मुझे एक बहुत खुशी का दृश्य वहां देखने को मिला। उन्होंने मुझे बताया कि हम लोगों ने परिवार में नियम बनाया है कि कितना ही काम क्यों न हों, लेकिन अगर हम शहर के बाहर नहीं हैं तो परिवार के सभी सदस्य भोजन की मेज पर बैठकर तेलुगू भाषा बोलेंगे। जो बच्चे वहां पैदा हुए थे, उनके लिए भी ये नियम था। अपनी मातृभाषा के प्रति ये प्रेम देखकर इस परिवार से मैं बहुत प्रभावित हुआ था।’