नई दिल्ली, 17 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक मुद्दों पर बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। वह शुक्रवार की शाम वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के समापन सत्र वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ चाहता है कि ग्लोबल गवर्नेंस पर उसकी आवाज सुनी जाए। यह स्पष्ट है कि ग्लोबल साउथ अपनी स्वायत्तता चाहता है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक साल में ग्लोबल साउथ का शिखर सम्मेलन और उसमें बड़ी भागीदारी का होना दुनिया को बड़ा संदेश देती है। उन्होंने कहा कि भारत को गर्व है कि जी20 जैसे महत्वपूर्ण मंच के दौरान उसे वैश्विक दक्षिण की आवाज को एजेंडे में रखने का अवसर मिला। उल्लेखनीय है कि भारत ने वर्चुअल प्रारूप में इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है।
हाल ही में शुरू किए गए छात्रवृत्ति कार्यक्रम का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ देशों के छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा के अधिक अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारत का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर तंजानिया में खोला गया है। यह ग्लोबल साउथ में क्षमता निर्माण के लिए भारत की नई पहल है।