नई दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को पूर्वाह्न लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया और उसके बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय राजनीति में व्याप्त परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर प्रहार किया।
आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर विकसित देश बनाने का संकल्प लेने की भी अपील
अपने प्रधानमंत्रित्व काल में स्वाधीनता दिवस पर लगातार नौवीं बार ध्वज फहराने वाले
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं दो विषयों पर चर्चा करना चाहता हूं। एक है भ्रष्टाचार, दूसरा परिवारवाद – भाई भतीजावाद। मैं मानता हूं हमारी इन चुनौतियों, विकृतियों, बीमारियों के कारण 25 साल का अमृत काल, अगर समय रहते नहीं चेते तो विकराल रूप ले सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। एक तरफ वो लोग हैं, जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दूसरे वे लोग हैं, जिनके पास लूटी हुई रकम रखने की जगह नहीं है। हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूट कर भाग गए। हम उनकी संपत्ति जब्त कर रहे हैं। कई लोग जेल में हैं। हमारी कोशिश है कि जिन लोगों ने देश को लूटा है, उनके लिए ऐसी स्थिति बनाई जाए, कि उन्हें लूटा हुआ पैसा लौटाना पड़े।
‘मुझे 130 करोड़ भारतीयों का साथ चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकूं‘
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। मुझे इसके खिलाफ लड़ना है। मुझे इसके खिलाफ लड़ाई को तेज करना है। मुझे 130 करोड़ भारतीयों का साथ चाहिए, ताकि मैं इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकूं। इसलिए मेरे देशवासियों ये चिंता का विषय है। भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है, लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई चेतना नहीं दिखती।’
‘भाई-भतीजावाद के खिलाफ जंग में युवाओं का साथ चाहता हूं‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। मैं भाई-भतीजावाद के खिलाफ जंग में युवाओं का साथ चाहता हूं।’
‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान‘ का नया नारा दिया
पीएम मोदी ने कहा, ‘लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो।’
‘जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया हम पर गर्व करेगी‘
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम जीव में भी शिव देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं। हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं। हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं। ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने हम खुद गर्व करेंगे तो दुनिया हम पर गर्व करेगी।’
देशवासियों को दिलाए ये 5 प्रण
- विकसित भारत – अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए।
- गुलामी के हर अंश से मुक्ति – दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो, उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना।
- विरासत पर गर्व – तीसरी प्रण शक्ति है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया था। यह विरासत है, जो समय समय पर परिवर्तन करने का सामर्थ्य रखती है।
- एकता और एकजुटता – चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता। न कोई अपना न कोई पराया। एक भारत और श्रेष्ठ भारत के लिए यह प्रण है।
- नागरिकों का कर्तव्यपालन – 5वां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य। इससे पीएम, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता है। ये 25 सालों के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रण हैं।