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पीएम मोदी ने चक्रवात ‘रेमल’ के प्रभाव और देश के अन्य हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी की समीक्षा की

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नई दिल्ली, 2 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के सातवें व आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के अगले ही दिन रविवार को एक्शन में दिखे और 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर आहूत बैठक में चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के प्रभाव से पूर्वोत्तर राज्यों में आई बाढ़ एवं देश के ज्यादातर हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी की स्थिति की समीक्षा की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री 100 दिन के कार्यक्रम के एजेंडे की समीक्षा के लिए एक लंबे मंथन सत्र में भी भाग ले रहे हैं। गौरतलब है कि सात चरणों वाले लोकसभा चुनाव की चार जून को काउंटिंग होनी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी की सबसे पहली बैठक पूर्वोत्तर में चक्रवात ‘रेमल’ के बाद उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति को लेकर हुई। उन्होंने विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने देश में भीषण गर्मी और लू की स्थिति को लेकर हुई एक समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री बड़े पैमाने पर विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की तैयारियों की समीक्षा के लिए भी एक बैठक में शामिल होने वाले हैं।

चक्रवात ‘रेमल’ के प्रभाव की समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुई जान-माल की हानि और घरों तथा संपत्तियों को हुए नुकसान के बारे में भी चर्चा की गई। घटनास्थलों पर आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकालने, एयरलिफ्टिंग और सड़क साफ करने के अभियान चलाए हैं। बैठक के दौरान, यह बताया गया कि गृह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ नियमित संपर्क में है।

पीएम ने गृह मंत्रालय को स्थिति पर नजर रखने का दिया निर्देश

पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार चक्रवात से प्रभावित राज्य को पूरा सहयोग देना जारी रखेगी। उन्होंने गृह मंत्रालय को स्थिति पर नजर रखने और स्थिति की नियमित समीक्षा करने का निर्देश दिया, ताकि पुनर्स्थापना के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। बैठक में पीएम मोदी के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।