नई दिल्ली, 6 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछले कुछ दशकों में कई बुनियादी चीजें बदली हैं और नए भू-राजनेतिक दृष्टिकोण सामने आए हैं। लेकिन ऐसे बदलावों के बावजूद भारत-रूस मैत्री कायम है। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की है और एक-दूसरे की संवेदनशीलता का भी ध्यान रखा है।
हैदराबाद हाउस में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सोमवार को यहां हैदराबाद हाउस में 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता आज सुबह हुई। यह व्यवहारिक सहयोग में
पीएम मोदी ने कहा कि वे आर्थिक मामलों में द्विपक्षीय साझेदारी को सुदृढ करने के लिए दीर्घकालीन दृष्टिकोण को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने वर्ष 2025 तक 30 बिलियन डॉलर के व्यापार और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत रक्षा क्षेत्र में सह-विकास, सह-उत्पादन के क्षेत्र में भारत और रूस की साझेदारी मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि वे अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु क्षेत्रों में भी सहयोग की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
भारत को कसौटी पर खरा उतरने वाले देश के रूप में देखता है रूस : राष्ट्रपति पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने वक्तव्य में कहा कि उनका देश भारत को महान शक्ति, मित्र राष्ट्र और समय की कसौटी पर खरे उतरने वाले मित्र के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सम्बंध प्रगाढ हो रहे हैं और वे भविष्य की ओर उन्मुख हैं।