नई दिल्ली, 11 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) में फसलों की 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-प्रतिबलित किस्मों को जारी किया।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर किसानों और वैज्ञानिकों से परस्पर बातचीत भी की। इन नई फसल किस्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर बल दिया। किसानों ने कहा कि ये नई किस्में अत्यधिक लाभकारी होंगी क्योंकि इनसे उनका व्यय कम होगा और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों के महत्व पर चर्चा की और इस बात को रेखांकित किया कि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों और जैविक खेती के प्रति आम लोगों के बढ़ते विश्वास के बारे में भी बात की और कहा कि लोगों ने जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन और मांग करना शुरू कर दिया है।
इस अवसर पर किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। किसानों ने जागरूकता पैदा करने में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की। वहीं प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को सक्रिय रूप से सूचित करना चाहिए ताकि उनके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
हम अपने किसान भाई-बहनों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में आज दिल्ली में फसलों की 109 नई किस्मों को जारी करने का सुअवसर मिला। जलवायु अनुकूल और ज्यादा उपज देने वाली इन किस्मों से उत्पादन बढ़ने के साथ हमारे अन्नदाताओं की आय भी बढ़ेगी। pic.twitter.com/MqW7BP4M3a
— Narendra Modi (@narendramodi) August 11, 2024
प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 प्रक्षेत्र फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। प्रक्षेत्र फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गईं।
पीएम मोदी ने इन नई फसल किस्मों के विकास के लिए वैज्ञानिकों की भी सराहना की। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप काम कर रहे हैं, ताकि अप्रयुक्त फसलों को मुख्यधारा में लाया जा सके।