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पीएम मोदी का साइप्रस में गर्मजोशी से स्वागत, राष्ट्रपति निकोस से व्यापार-रणनीति पर की वार्ता

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लारनाका (साइप्रस), 15 जून। पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार तीन चरणों वाली पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपनी पहली साइप्रस यात्रा पर पहुंचे। भूमध्यसागर क्षेत्र में स्थित यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में प्रचलित देश के लारनाका अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खुद साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने भी पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया।

पीएम मोदी ने देऱ शाम राष्ट्रपति निकोस के साथ एक व्यापारिक बैठक की, जिसमें भारत और साइप्रस के बीच व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नए विचारों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री के लिए साइप्रस के राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत समारोह हुआ। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। राष्ट्रपति निकोस ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में एक विशेष रात्रि भोज की मेजबानी भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और मैंने भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अग्रणी सीईओ के साथ बातचीत की। नवाचार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। मैंने पिछले दशक में भारत के सुधार पथ के बारे में भी बात की।’

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस दौरे को दोनों देशों के बीच मजबूत और गहरे संबंध का प्रतीक बताया है। मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान किन-किन कार्यक्रमों में भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक वीडियो संदेश में यह जानकारी साझा की।

रणधीर जायसवाल ने कहा, हमारे साइप्रस के साथ संबंध ऐतिहासिक, आत्मीय और स्थायी हैं। आज जब प्रधानमंत्री हवाई अड्डे पर पहुंचे, तो खुद साइप्रस के राष्ट्रपति ने उनका स्वागत किया। यह इस बात का संकेत है कि हमारे संबंध कितने मजबूत हैं। यह साइप्रस की तरफ से एक विशेष भाव था।’

इसके पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस के लिमासोल शहर में होटल पहुंचने पर भारतीय प्रवासियों ने फूलों के साथ भव्य स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने भी उनसे बातचीत की और उनका आभार जताया। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली आधिकारिक यात्रा है। भारत और साइप्रस के राजनयिक सूत्रों ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया है।

भारतीय समुदाय के प्रेम और समर्थन के लिए जताया आभार

प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में भारतीय समुदाय के प्रेम और समर्थन के लिए आभार जताया। उन्होंने लिखा, मैं भारतीय समुदाय के स्नेह के लिए धन्यवाद करता हूं। भारत आने वाले समय में साइप्रस के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने की दिशा में कार्य करता रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी के साथ लगभग 100 अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी साइप्रस की यात्रा पर गया है। यह यात्रा राष्ट्रपति निकोस के निमंत्रण पर हो रही है।

यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि साइप्रस ने कश्मीर, सीमा पार आतंकवाद और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार जैसे मुद्दों पर भारत के रुख का हमेशा समर्थन किया है। इसके अलावा, आगामी एक जनवरी से साइप्रस यूरोपीय संघ की परिषद की रोटेशनल अध्यक्षता संभालेगा। यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और भारत के लिए यूरोप तथा भूमध्यसागर क्षेत्र में संपर्क को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब इससे आठ साल पहले 2017 में साइप्रस के तत्कालीन राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस ने भारत की यात्रा की थी। अब प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के मजबूत और भविष्य उन्मुख संबंधों की पुष्टि करती है।

साइप्रस के बाद कनाडा और क्रोएशिया दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी

साइप्रस के दौरे के बाद पीएम मोदी 16-17 जून को कनाडा के कानानास्किस शहर में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह 18 जून को क्रोएशिया जाएंगे, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी वहां राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री आंद्रे प्लेनकोविच से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।

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