समरकंद (उज्बेकिस्तान), 15 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने गुरुवार को देर शाम उज्बेकिस्तानी शहर समरकंद पहुंचे। इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा चनौतियों, व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा देने समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी है। दरअसल, दो वर्षों बाद पहली बार एससीओ के शिखर सम्मेलन में नेताओं की व्यक्तिगत रूप से मौजूदगी दिखेगी। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भाग लेंगे।
शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद
पीएम मोदी के शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है, जिसमें पुतिन और उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव सहित अन्य नेताओं से उनकी बातचीत होगी। हालांकि, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी संभावित द्विपक्षीय बैठक के बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए समरकंद पहुंच गया हूं।’ हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत उनके उज्बेक समकक्ष अब्दुल्ला एरिपोव, मंत्रियों और समरकंद क्षेत्र के गवर्नर और अन्य अधिकारियों ने किया।
Landed in Samarkand to take part in the SCO Summit. pic.twitter.com/xaZ0pkjHD1
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2022
इसके पूर्व नई दिल्ली से उज्बेकिस्सतान रवानगी के वक्त पीएम मोदी ने एक बयान में कहा था, ‘एससीओ शिखर सम्मेलन में, मैं सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं।’
उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति मिर्जियोयेव से मिलने के लिए भी उत्सुक हैं और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
लेकिन विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने नई दिल्ली में ही संवाददाताओं से कहा, ‘जब प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम सामने आएगा तो हम आपको पूरी तरह से अवगत कराएंगे।’ शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल हो रहे हैं।
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और ताइवान के प्रति चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण बड़े पैमाने पर भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आठ देशों के प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन हो रहा है। रूसी और ईरानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
दो सत्रों में होगा एससीओ शिखर सम्मेलन
एससीओ शिखर सम्मेलन दो सत्रों में होगा – एक प्रतिबंधित सत्र, जो केवल एससीओ के सदस्य देशों के लिए है और फिर एक विस्तारित सत्र, जिसमें पर्यवेक्षक देश और अध्यक्ष देश की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित नेताओं की भागीदारी की संभावना है।
एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें वर्ष 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए।