Site icon hindi.revoi.in

पीएम मोदी ने विदेश से लौटे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों से की मुलाकात, PAK टेररिज्म को बेनकाब करने के मिशन का लिया फीडबैक

Social Share

नई दिल्ली, 10 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को पेश करने के मकसद से वैश्विक राजधानियों का दौरा किया है। इस मिशन में वर्तमान सांसद, पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे। डेलिगेशन ने नए संकल्प के साथ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाइयों को दुनिया के सामने रखा।

प्रतिनिधिमंडलों ने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया

विभिन्न विदेशों से लौटे प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने अनुभव शेयर किए और सभी ने पीएम को अपना फीडबैक दिया। केंद्र सरकार ने पहले ही इन सात प्रतिनिधिमंडलों के काम को सराहा है, जिनमें 50 से ज्यादा लोग शामिल थे। इनमें अधिकतर वर्तमान सांसद थे। प्रतिनिधिमंडलों ने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया है.

एस जयशंकर पहले ही कर चुके हैं डेलिगेशन से मुलाकात

पीएम मोदी से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पहले ही इन प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की थी और उन्होंने उनके प्रयासों की प्रशंसा की, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को वैश्विक स्तर पर लेकर गए।

सत्तारूढ़ गठबंधन के चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व भाजपा के दो सांसदों, जेडी(यू) के एक और शिवसेना के एक सांसद ने किया। वहीं, तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्ष के सांसदों ने किया, जिनमें कांग्रेस, डीएमके और एनसीपी(एसपी) के सदस्य शामिल थे।

इन सांसदों ने की मिशन की अगुआई

भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडी(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोई और एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करते हुए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आतंकवाद पर भारत के रुख को पेश किया।

इन प्रतिनिधिमंडलों का मकसद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देना था। इसमें कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ मिलकर विदेशों में भारत के हितों की पैरवी की। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद जैसे प्रमुख पूर्व सांसद भी शामिल थे, जिन्होंने अपने अनुभव से इस कोशिश को और मजबूत बनाया।

Exit mobile version