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पीएम मोदी ने मुंबई में ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर से की मुलाकात, ‘और मजबूत होंगे ब्रिटेन-भारत संबंध’

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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा होगी। वार्ता व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा, जलवायु और शिक्षा में सहयोग पर होने की उम्मीद है। पीएम मोदी और स्टार्मर सीईओ फोरम समेत ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भी भाग लेंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत दौरे पर हैं। उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता का माहौल है। इस वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत साझेदारी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इससे पहले बुधवार को पीएम स्टार्मर कहा था कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के तहत मिलने वाले अवसर अद्वितीय हैं। स्टार्मर प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा के तहत बुधवार को मुंबई पहुंचे थे।

कीर स्टार्मर ने कहा कि यह व्यापार समझौता 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने वाले भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक ‘लॉन्चपैड’ है। स्टार्मर ब्रिटेन के व्यापार जगत के शीर्ष नेताओं, उद्यमियों और विश्वविद्यालय के कुलपतियों समेत 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने जुलाई में भारत के साथ एक बड़ा व्यापार समझौता किया था, जो किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे अच्छा समझौता है लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है, यह विकास का एक ‘लॉन्चपैड’ है। भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और उसके साथ व्यापार तेज एवं सस्ता होने वाला है तो ऐसे में जो अवसर पैदा होने वाले हैं, वो अद्वितीय हैं। स्टार्मर ने कहा कि भारत में विकास का मतलब ब्रिटिश लोगों के लिए देश में अधिक विकल्प, स्थिरता और रोजगार है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से ढाई महीने पहले दोनों देशों ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

स्टार्मर और पीएम मोदी के बीच वार्ता को लेकर ब्रिटिश विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे ब्रिटेन-भारत संबंध और मजबूत होंगे। दोनों नेता कृत्रिम बुद्धिमत्ता, दूरसंचार और रक्षा प्रौद्योगिकी में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने का लक्ष्य रखेंगे ताकि व्यवसायों के लिए निवेश और विकास के नए अवसर पैदा किए जा सकें। विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत तेजी से दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी खिलाड़ियों में से एक बन रहा है और 2030 तक प्रौद्योगिकी क्षेत्र का मूल्य एक लाख करोड़ पाउंड होने की उम्मीद है।

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