नई दिल्ली, 17 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने जन्मदिन पर कारीगरों, शिल्पकारों तथा पारंपरिक कौशल से जुड़े लोगों को सौगात दी। इस क्रम में उन्होंने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 13,000 करोड़ रुपये की ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का शुभारंभ किया। ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना से पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के 30 लाख परिवार लाभान्वित होंगे।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कारीगरों तथा शिल्पकारों से जीएसटी पंजीकृत दुकानों से ‘मेड इन इंडिया’ टूलकिट खरीदने का आग्रह किया। इससे पहले उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर 21 से सेक्टर 25 तक के विस्तार का भी उद्घाटन किया।
‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति तथा विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है।
इस योजना में 18 पारंपरिक शिल्प-कलाओं को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को शुरू करने की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की थी। इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये रखा गया है।
इसके तहत, ‘विश्वकर्मा’ (कारीगरों व शिल्पकारों) को बायोमेट्रिक आधारित ‘पीएम विश्वकर्मा पोर्टल’ का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से नि:शुल्क पंजीकृत किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी और कौशल उन्नयन के लिए बुनियादी तथा उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए खर्च किए जाएंगे 13,000 करोड़ रुपये
पीएम मोदी ने योजना के शुभारंभ पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज, हमारे विश्वकर्मा भागीदारों को पहचानना और उन्हें हर संभव तरीके से समर्थन देना समय की मांग है। हमारी सरकार हमारे विश्वकर्मा भागीदारों के विकास के लिए काम कर रही है। इस योजना के तहत 18 अलग-अलग क्षेत्रों के तहत काम करने वाले विश्वकर्मा भागीदारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकार ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
क्या है ‘पीएम विश्वकर्मा‘ योजना?
विवरण के अनुसार, ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत, सरकार ने विश्वकर्मा भागीदारों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है और प्रशिक्षण जारी रहने के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको 1,500 रुपये का टूलकिट वाउचर भी मिलेगा। सरकार आपके द्वारा बनाए गए उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में भी आपकी मदद करेगी। बदले में, सरकार चाहती है कि आप उन दुकानों से टूलकिट खरीदें जो केवल जीएसटी पंजीकृत हैं।’
बिना किसी बैंक गारंटी के मिलेगा 3 लाख तक का ऋण
पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार इस योजना के तहत बिना किसी (बैंक) गारंटी के तीन लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि ब्याज दर भी बहुत कम हो। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने फैसला किया है कि शुरुआत में एक लाख का ऋण दिया जाएगा और जब इसे चुका दिया जाएगा, तो सरकार विश्वकर्मा भागीदारों को अतिरिक्त दो लाख का ऋण प्रदान करेगी।’
इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि‘ राष्ट्र को समर्पित
पीएम मोदी ने इस अवसर पर राजधानी दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर राष्ट्र को समर्पित किया। इस केंद्र का नाम ‘यशोभूमि’ रखा गया है। यशोभूमि पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का मुआयना भी किया।
‘यशोभूमि’ में विश्व-स्तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी। यह दुनिया के सबसे बड़े सम्मेलन और प्रदर्शनी सुविधा स्थलों में से एक है। करीब 73,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं। इनमें मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11,000 प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 बैठक कक्ष शामिल हैं। कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया स्क्रीन है। इसके मुख्य सभागार में करीब छह हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।