अबू धाबी, 14 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पत्थरों से निर्मित पहले हिन्दू मंदिर का बुधवार को उद्घाटन किया। दुबई-अबू धाबी शेख जाएद हाईवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से करीब 27 एकड़ जमीन पर इन हिन्दू मंदिर का निर्माण कराया गया है। करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मंदिर के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने दान में जमीन दी है।
UAE के 7 अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं मंदिर के 7 शिखर
मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं जो संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं। सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां हैं। मेजबान देश को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए भारतीय पौराणिक कथाओं में हाथी, ऊंट और शेर जैसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जानवरों के साथ-साथ यूएई के राष्ट्रीय पक्षी बाज को भी मंदिर के डिजाइन में शामिल किया गया है।
बीएपीए मंदिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों के अलावा माया, एजटेक, मिस्र, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यताओं की कहानियों को भी दर्शाया गया है। मंदिर में ‘शांति का गुंबद’ और ‘सौहार्द का गुंबद’ भी बनाया गया है।
भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक युक्त 300 से अधिक सेंसर
इस मंदिर को ज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है। मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे। यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है, तो मंदिर इसका पता लगा लेगा।
मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं
मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए उड़न राख यानी ‘फ्लाई ऐश’ (कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख) का उपयोग किया गया है।