वाराणसी, 20 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकदिवसीय दौरे पर रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और हरिहरपुर क्षेत्र में 110 करोड़ रुपये से निर्मित आर झुनझुनवाला शंकरा सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने कांची मठ से संचालित आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय में कांची कामकोटि पीठम कांचीपुरम तमिलनाडु के 70वें जगद्गुरु पीठाधिपति जगद्गुरु श्री शंकरा विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।
जगद्गुरु श्री शंकरा विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व रेखा झुनझुनवाला सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने चिकित्सालय का उद्घाटन करने के बाद पूरे परिसर एवं व्यवस्था का भी निरीक्षण किया।
शंकराचार्य के आशीर्वाद से पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला
पीएम मोदी ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि इस पावन महीने में काशी आना एक पुण्य अनुभूति का अवसर होता है। यहां काशीवासियों के साथ ही संत जनों और परोपकारी लोग भी हैं। इस सुखद सहयोग भला क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य के आशीर्वाद से ही काशी से पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है। भगवान शंकर की नगरी में शंकरा आई हॉस्पिटल आज से जन-जन के लिए समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि तमसो मा ज्योतिर्गमय यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।
अस्पताल बुजुर्गों की भी सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रौशनी देगा
उन्होंने कहा कि यह हॉस्पिटल वाराणसी और इस क्षेत्र के आने वाले लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा, उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। अभी अस्पताल एक प्रकार से आध्यात्मिकता आधुनिकता का संगम है। अस्पताल बुजुर्गों को भी सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रौशनी देगा। बड़ी संख्या में बच्चों को निःशुल्क इलाज मिलने वाला है। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी लेकर आया है। मेडिकल कॉलेज के छात्र इंटर्नशिप कर पाएंगे। प्रैक्टिस करने का भी अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि देश में एम्स, मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के साथ छोटे शहरों में अस्पताल खोले गए हैं। मेडिकल कॉलेज में नई सीट भी जोड़ी गई है। आने वाले सालों में 75,000 नई मेडिकल की सीटें जुड़ेंगे। लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा रही है। ई-संजीवनी में 30 करोड़ लोग ऑनलाइन परामर्श ले चुके हैं। द्रोण टेक्नोलॉजी से भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं। बिहार में भी एक शंकरा आई हॉस्पिटल खोलना चाहिए इससे यहां के रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा।
यूपी में शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर काफी मजबूत हुआ है : सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि आर के शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन से काशी की सेवा और विकास के अभियान में एक नई कड़ी जुड़ गई है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि एक नया संकरा आई फाउंडेशन देश के अंदर नेत्र रोगियों को एक नया जीवन देने का एक प्रतिष्ठित अभियान है। जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज की प्रेरणा से 1977 से शुरू हुआ, अभियान देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन में नई रोशनी लाने का काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नए प्रतिमान बन रहे हैं। विकास और सेवा के क्षेत्र में नए-नए प्रकल्प यहां जुड़े हैं। ढाई हजार करोड़ रुपये की लागत से केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में यहां पर कार्य संपन्न हुआ है। बीएचयू में 430 बेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और ईएसआईसी हॉस्पिटल में 150 बेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण करके उत्तर प्रदेश, बिहार और आसपास के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कार्रवाई यहां पर आगे बढ़ी है।
शंकराचार्य ने एनडीए को नरेंद्र दामोदरदास का अनुशासन बताया
इससे पूर्व शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने कहा कि समाज में व्यक्ति भी मुख्य है और व्यक्तित्व भी मुख्य है और सबको जोड़ने का नेता भी चाहिए। विश्व में बहुत बड़ा प्रजातंत्र है। अच्छे नेता अभी ईश्वर कृपा से मिलते हैं। ईश्वर की कृपा की वजह से ही नरेंद्र दामोदरदास मोदी मिले हैं। शंकराचार्य ने एनडीए को नरेंद्र दामोदरदास का अनुशासन बताया, जो सभी की सुरक्षा के रूप में काम कर रहा है और विश्व में एक आदर्श सरकार के रूप में काम कर रहा है।
योगी आदित्यनाथ भी शांति के लिए बेहतर काम कर रहे
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 140 करोड़ जनता के साथ ही सबके प्रति श्रद्धा, प्रेम, दया प्रेम भाव के साथ काम कर रहे हैं। सामान्य व्यक्ति को क्या जरूरत है उनकी क्या पीड़ा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समझते हैं। उनके पास काम करने का अनुभव है। कल्याणकारी योजनाएं सजा साकार हो रही है। भारत की विशेषता के लिए धर्म और संस्कृति का भी विकास होना बहुत जरूरी है। बहुमुखी प्रदेश के उज्जवल के लिए यह सब जरुरी है। इसके लिए यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शांति के लिए बेहतर काम कर रहे हैं।
आरजे अस्पताल देश में शंकरा का 14वां अस्पताल
गौरतलब है कि वाराणसी का आरजे अस्पताल देश में शंकरा का 14वां अस्पताल है और यह सबसे गरीब रोगियों के लिए प्रति वर्ष 30,000 निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा उपलब्ध कराएगा। इस अस्पताल की स्थापना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से दक्षिण भारत (तमिलनाडु) के प्रसिद्ध कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट, जो शंकरा आई हॉस्पिटल का समर्थन करता है, का वाराणसी के अत्यधिक प्रतिष्ठित, ऐतिहासिक-सांस्कृतिक शहर के साथ समामेल हो रहा है।
110 करोड़ के निवेश से तैयार हुआ अस्पताल, सालाना 30 हजार सर्जरी की क्षमता
यह विश्व स्तरीय आर झुनझुनवाला शंकरा सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल, जो लगभग 110 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार हुआ है, में 30 हजार सर्जरी करने की क्षमता, 9 ऑपरेशन थिएटर और कई अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। अपने संचालन की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के साथ-साथ नेत्र देखभाल और उपचार में सबसे गरीब लोगों की मदद करने के लिए अस्पताल एक क्रॉस-सब्सिडी मॉडल (75:25 मॉडल) पर काम करेगा, जिसके तहत भुगतान करने वाले रोगियों (हमारे 25% लाभार्थी 75% लाभार्थियों की निःशुल्क सर्जरी की लागत में आर्थिक रूप से सहायता करेंगे) से प्राप्त आय का इस्तेमाल जरूरतमंदों की सहायता के लिए किया जाएगा।
शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली कृष्णमूर्ति ने कहा, “शंकरा ने ऐसे समय में वाराणसी में एक बड़ा नेत्र अस्पताल स्थापित किया है, जब नेत्र देखभाल की लागत बहुत अधिक है। इस अस्पताल से वाराणसी और आसपास के शहरों और गांवों में रहने वाले और उत्तर प्रदेश तथा अन्य पड़ोसी राज्यों के लोग उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल का लाभ उठाने में सक्षम हो पाएंगे। हम अपनी ओर से सभी आवश्यक सहायता प्रदान करना ज़ारी रखेंगे जिससे शंकरा अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुँच सके।”
शंकरा आई फाउंडेशन के संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी डॉ. आर.वी. रमणी ने कहा, “पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा संख्या में अंधे लोग भारत में रहते हैं और इनमें से 80% से अधिक मामलों में सफल इलाज संभव है। शंकरा आई हॉस्पिटल की स्थापना सभी को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल प्रदान करने के लिए की गई थी। हमारा लक्ष्य 2030 तक पूरे भारत में सालाना 5 लाख निःशुल्क सर्जरी करना है। देश भर में स्थित हमारे सभी अस्पतालों की तरह, यह अस्पताल भी अनोखे आर्थिक हाइब्रिड मॉडल पर काम करेगा, जिसके तहत उन लोगों, जो आँखों के इलाज का खर्च उठा सकते हैं, के संसाधनों का उपयोग कर वाराणसी सहित यूपी के 8 जिलों और साथ ही पड़ोसी राज्यों के आस-पास के गाँवों के गरीबों को सब्सिडी वाली सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।”
डॉ. एस वी बालासुब्रमण्यम, अध्यक्ष, एसईएफआई ने कहा: “फाउंडेशन का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक नेत्र देखभाल की सुविधा पहुँचाना है। हम उत्तर भारत में भी अपना पदचिन्ह बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि वहाँ ऐसे गाँवों और शहर हैं जहां नेत्र देखभाल अवसंरचनाओं की आवश्यकता है। जबकि प्रमुख महानगरों में अच्छी सुविधाएँ मौजूद हैं परन्तु परिधीय क्षेत्रों को सहायता और सुविधाओं की आवश्यकता है। ये हमारा एक राष्ट्रीय मिशन भी है। इस प्रकार शंकरा आई फाउंडेशन देश भर के लोगों के लिए नेत्र देखभाल सुलभ बनाकर बदलाव ला रहा है।”
श्री कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट की बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज श्रीमती रेखा झुनझुनवाला ने कहा, “डॉ. आर.वी. रमणी के नेतृत्व में शंकरा आई फाउंडेशन सभी लोगों तक पहुंचने में सफल रहा है, विशेष रूप से देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक, और दृष्टि का उपहार पाने में उनकी मदद कर रहा है। वाराणसी का अस्पताल उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की सहायता करने की दिशा में एक और कदम है। हमारा और शंकरा का लक्ष्य एक ही है और इसलिए यह सहयोग आदर्श है क्योंकि यह हाई-टेक नेत्र देखभाल सुनिश्चित करता है।” अस्पताल में हाई-टेक और आधुनिक कई स्पेशियलिटीज़ हैं और यह मोतियाबिंद, कॉर्निया, रेटिना, ग्लूकोमा से संबंधित कई नेत्र रोगों और बाल नेत्र रोगियों का इलाज करेगा एवं ओकुलोप्लास्टी, आई बैंक और कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन, क्लिनिकल और माइक्रो बायोलॉजिकल लेबोरेटरी, फार्मेसी और ऑप्टिकल की सुविधाएं भी उपलब्ध है। शंकरा आई हॉस्पिटल ने उत्तर प्रदेश के लिए कई बड़ी पहल की योजना बनाई है-जिसमें दृष्टि का उपहार – निःशुल्क नेत्र देखभाल सेवाएँ, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र जांच, रोगियों को बेस अस्पताल तक पहुंचाना और वापस लाना, आवास, अन्वेषण, आईओएल के साथ सर्जरी, भोजन, दवाइयाँ और एक महीने तक फॉलो-अप-सभी गरीबों के लिए निःशुल्क है, रेनबो- स्कूली बच्चों के लिए एक निवारक नेत्र देखभाल कार्यक्रम; नेत्र यज्ञ, वाराणसी जिले के सभी स्कूलों के लिए एक कार्यक्रम शामिल है। अस्पताल चरणबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, एसआर नगर, प्रयागराज जिलों और बाद में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों में अपनी सेवाएं शुरू करेगा।
शंकरा अस्पताल ने अब तक 6.7 मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज किया
देशभर में शंकरा अस्पताल ने अब तक 6.7 मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज किया है और 2.6 मिलियन से अधिक नेत्र शल्यचिकित्सा की गई हैं। अस्पताल ने कई प्रमुख कार्यक्रमों जैसे कि दृष्टि का उपहार, मैत्री, टेक्नोलॉजी पहल और रेनबो आदि का संचालन किया है। शंकरा आई हॉस्पिटल देश में सुपर स्पेशियलिटी आई केयर अस्पतालों का प्रबंधन करने वाले सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते सामाजिक उद्यमों में से एक है, जो तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में स्थित है। यह अस्पताल सुलभता और सामर्थ्य की चिंताओं से निपटकर नेत्र देखभाल के परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए समर्पित है। विश्व में मोतियाबिंद के कारण अंधेपन के मामले बढ़ते जा रहे हैं इसलिए शंकरा अनावश्यक दृष्टि दोष को मिटाने के अपने मिशन में दृढ़ बना हुआ है।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, एस वी बालासुब्रमण्यम, अध्यक्ष, एसईएफआई, पद्म डॉ. आर.वी.रमणी, शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया के संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी, मुरली कृष्णमूर्ति, कार्यकारी अध्यक्ष, शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए, रेखा झुनझुनवाला, ट्रस्टी बोर्ड की सदस्य ने भी भाग लिया।
इससे पूर्व लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधायक डॉ अवधेश सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम सहित अन्य लोगों ने किया।
प्रधानमंत्री रविवार को अपने दौरे के दौरान 6,100 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे, जिनमें कई हवाई अड्डों से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे के विस्तार, एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण और अन्य संबद्ध कार्यों की आधारशिला रखेंगे।