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पीएम मोदी की यूरोपीय नेताओं से बातचीत, रूस-यूक्रेन संघर्ष और भारत-ईयू साझेदारी पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली, 4 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की शाम यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयासों से लेकर कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई।

भारत व यूरोपीय संघ दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों में शामिल

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों में शामिल हैं और दोनों के रिश्ते साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और भविष्य के लिए समान दृष्टिकोण पर आधारित हैं। नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने, स्थिरता लाने और पारस्परिक समृद्धि बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।

बातचीत में व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, स्थिरता, रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन जैसे अहम क्षेत्रों में हुई प्रगति का स्वागत किया गया। साथ ही भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द पूरा करने और आईएमइइसी (India-Middle East-Europe Corridor) गलियारे को लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

भारत में अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के आयोजन पर भी चर्चा

यूरोपीय नेताओं से बातचीत के दौरान फरवरी में यूरोपीय संघ कॉलेज के आयुक्तों की भारत यात्रा को ऐतिहासिक बताया गया और भविष्य में भारत में अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के आयोजन पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए दोनों नेताओं को भारत आने का निमंत्रण दिया।

पीएम मोदी ने दोहराया कि भारत संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और दुनिया में शांति व स्थिरता की बहाली के लिए लगातार समर्थन करता रहेगा। तीनों नेताओं ने भविष्य में भी संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।

उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने पीएम मोदी से वार्ता पर जताई खुशी

इस बातचीत के बाद यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके खुशी हुई। हम राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भारत के निरंतर सहयोग का स्वागत करते हैं। रूस को अपना आक्रामक युद्ध समाप्त करना चाहिए और शांति की राह बनानी चाहिए, जिसमें भारत की अहम भूमिका है। यह युद्ध वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए हानिकारक है और पूरी दुनिया के लिए जोखिम है।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘भविष्य की ओर देखते हुए, हम 2026 में अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त रणनीतिक एजेंडे पर सहमत होने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, हम इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इसके लिए और प्रगति जरूरी है।’

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