नई दिल्ली, 20 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के निधन पर शोक जताया है और कहा है कि दुख की इस घड़ी में ईरान के साथ भारत खड़ा है।
गौरतलब है कि पूर्वी अजरबैजान के पश्चिमी प्रांत के जोफा क्षेत्र के पहाड़ों में रविवार को हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में 63 वर्षीय इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन का निधन हो गया। इन दोनों नेताओं के साथ हेलीकॉप्टर में ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी व अंगरक्षक भी सवार थे। हादसे के शिकार हुए हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया है।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। दुख की इस घड़ी में भारत, ईरान के साथ खड़ा है।’
Deeply saddened and shocked by the tragic demise of Dr. Seyed Ebrahim Raisi, President of the Islamic Republic of Iran. His contribution to strengthening India-Iran bilateral relationship will always be remembered. My heartfelt condolences to his family and the people of Iran.…
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2024
रईसी का निधन भारत के लिए गहरा झटका
देखा जाए तो इब्राहिम रईसी का निधन भारत के लिए गहरा झटका है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ईरान, भारत का महत्वपूर्ण रणनीतिक, व्यापारिक और ऊर्जा साझीदार है। राष्ट्रपति रईसी इसी वर्ष भारत दौरे पर भी आने वाले थे। भारत के प्रति उनका रुख काफी सकारात्मक था।
गौर करने वाली बात यह है कि दोनों देशों के अच्छे रिश्तों का ही यह नतीजा था कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने ईरान के साथ अपने व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी को जारी रखा। ये दिखाता है कि इस क्षेत्र में ईरान भारत के लिए न सिर्फ रणनीतिक साझीदार था, बल्कि अच्छा मित्र भी था। रईसी ने बहुत ही मजबूत तरीके से भारत के साथ रिश्ते को आगे बढ़ाया।
अभी हाल ही में भारत ने ईरान के साथ चाबहार पोर्ट पर बड़ा समझौता साइन किया है। कम से कम अगले 10 वर्षों तक चाबहार पोर्ट का संचालन अब भारत के पास रहेगा। इब्राहिम रईसी ने भारत के साथ इस डील को अंजाम तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लिहाजा भारत भी संकट की इस घड़ी में हर विपरीत परिस्थिति में ईरान के साथ खड़ा रहेगा।