नई दिल्ली, 5 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को पहलगाम मैसेज दे दिया और कहा कि भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। दरअसल, हैदराबाद हाउस में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र किया, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले और क्रोकस सिटी हॉल पर हुए कायराना हमले का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा कि इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। उन्होंने कहा, ‘भारत का अटूट विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ वैश्विक एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। भारत और रूस संयुक्त राष्ट्र, G20, ब्रिक्स, एससीओ और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग करते हैं। भारत इन सभी मंचों पर रूस के साथ संवाद और सहयोग को आगे भी लगातार जारी रखेगा।’
2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति
पीएम मोदी ने यह भी एलान किया कि भारत और रूस ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को विविध बनाने के लिए 2030 आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति जताई है। यह एलान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बातचीत के बाद किया। उन्होंने कहा, ‘भारत और रूस के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है, और इसके लिए हमने 2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है।’
मुक्त व्यापार समझौते पर बढ़ रहे आगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा दोनों देशों के रिश्ते की एक मजबूत और अहम नींव रही है। सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में दशकों से जारी सहयोग ने दोनों देशों की स्वच्छ ऊर्जा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और यह ‘विन–विन’ साझेदारी आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने जहाज निर्माण में गहरे सहयोग को मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने वाला तत्व बताया, जो रोजगार, कौशल और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
पीएम मोदी ने बताया कि वे दोनों नेता इंडिया–रूस बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे और यह मंच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देगा, साथ ही सह-उत्पादन और सह-नवाचार के अवसरों का विस्तार करेगा। दोनों देश यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को साकार करने के लिए भी नए कदम उठा रहे हैं।

