नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सौवें वर्ष में प्रवेश करने की ऐतिहासिक यात्रा पर स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देते हुए शनिवार को कहा कि आरएसएस देश की सेवा के लिए समर्पित है।
पीएम मोदी ने इस संबंध में एक्स पर एक पोस्ट में RSS प्रमुख मोहन भागवत के वार्षिक विजयादशमी संबोधन का लिंक साझा किया और कहा कि इसे अवश्य सुनना चाहिए। भाजपा में शामिल होने से पहले आरएसएस के प्रचारक रहे मोदी ने हिन्दुत्व की अवधारणा से ओतप्रोत संगठन की सराहना करते हुए कहा कि ‘मां भारती’ के प्रति इसका संकल्प और समर्पण हर पीढ़ी को प्रेरित करता है और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अविरल यात्रा के इस ऐतिहासिक पड़ाव पर समस्त स्वयंसेवकों को मेरी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं। मां भारती के लिए यह संकल्प और समर्पण देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2024
उल्लेखनीय है कि 1925 में गठित आरएसएस को भाजपा का वैचारिक संरक्षक माना जाता है और इसके स्वयंसेवकों ने दशकों से इसके संगठनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आरएसएस के पदाधिकारी अनिवार्य रूप से भाजपा की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों में महासचिव (संगठन) के पद पर होते हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि पार्टी संगठन वैचारिक सामंजस्य और अनुशासन के साथ काम करे।
उधर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी पर सामाजिक विकास में योगदान देने वाली महान विभूतियों को याद किया। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर और दयानन्द सरस्वती का जिक्र करते हुए कहा, ‘इन लोगों ने समाज के विकास में अपना अमूल्य योगदान देकर हम सभी के जीवन में गहरी छाप छोड़ी है, जो हमारे लिए आदर्श है। अब इनके आदर्शों को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा मूल कर्तव्य है।’