नई दिल्ली, 20 दिसम्बर। शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से निलंबित किए गए सांसदों द्वारा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप राष्ट्रपति को फोन कर इस घटना पर दुख जताया है और साथ ही कहा है कि वह भी इसी तरह का अपमान पिछले 20 वर्षों से सह रहा हैं। उप राष्ट्रपति धनखड़ ने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट पर खुद यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने फोन करके इस घटना पर दुख जाहिर किया है।
जगदीप धनखड़ बोले – ‘कुछ लोगों की हरकतें मुझे रोक नहीं पाएंगी‘
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने एक्स के हैंडल पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टेलीफोन आया। उन्होंने कुछ सांसदों की कल संसद परिसर में घृणित नौटंकी पर बहुत दुख व्यक्त किया। उन्होंने मुझे बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से इस तरह के अपमान सहते आ रहे हैं, लेकिन यह तथ्य कि भारत के उप राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ और वह भी संसद में, ऐसा हो सकता है, दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने उनसे कहा – प्रधानमंत्री, कुछ लोगों की हरकतें मुझे रोक नहीं पाएंगी। मैं अपना कर्तव्य निभा रहा हूं और हमारे संविधान में निहित सिद्धांतों को कायम रख रहा हूं। मैं अपने दिल की गहराई से उन मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हूं। कोई भी अपमान मेरा रास्ता नहीं बदल सकता।’
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का फोन आया और उन्होंने कल संसद के पवित्र परिसर में कुछ माननीय सांसदों द्वारा प्रदर्शित की गयी अपमानजनक नाटकीयता पर अत्यंत दुख व्यक्त किया। उन्होंने मुझे बताया कि वह पिछले बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सहते आ रहे हैं, लेकिन देश के उपराष्ट्रपति…
— Vice President of India (@VPIndia) December 20, 2023
ये है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि संसद में सुरक्षा चूक के मामले पर विरोधी दल के सांसदों के संसद परिसर में प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारते हुए मिमिक्री की थी, जिसका कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वीडियो बना रहे थे।
मिमिक्री का वीडियो वायरल होते ही उप राष्ट्रपति ने जताई थी नाराजगी
उस घटना का वीडियो वायरल होते ही उपराष्ट्रपति नाराज हो गए थे। उप राष्ट्रपति ने खुद इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि एक सांसद मजाक उड़ा रहा था और दूसरा सांसद उस घटना का वीडियो बना रहा है। यह काफी आपत्तिजनक और अस्वीकार्य घटना है। इस पूरे मामले पर आपत्ति जताते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि यह एक किसान और एक समुदाय का अपमान नहीं, बल्कि राज्यसभा के सभापति के पद का निराधार है। यह एक ऐसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य द्वारा किया जा रहा है, जो लंबे समय तक देश पर शासन किया है। संसद का एक वरिष्ठ सदस्य उसे रोकने की बजाय वीडियोग्राफी कर रहा है।