नई दिल्ली, 13 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड -19 के मामलों को लेकर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ गुरुवार की शाम एक समीक्षा बैठक की। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से राज्यों के हालातों का जायजा लिया और घातक वायरस के फैलने को रोकने के लिए कदमों पर चर्चा की।
‘परिश्रम हमारा एकमात्र पथ है और विजय एकमात्र विकल्प’
पीएम मोदी ने कहा, ‘100 साल की सबसे बड़ी महामारी से भारत की लड़ाई अब तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। परिश्रम हमारा एकमात्र पथ है और विजय एकमात्र विकल्प। हम 130 करोड़ भारत के लोग, अपने प्रयासों से कोरोना से जीतकर अवश्य निकलेंगे।’
उन्होंने कहा, ऑमिक्रॉन को लेकर पहले जो संशय की स्थिति थी, वो अब धीरे-धीरे साफ हो रही है। पहले जो वैरिएंट थे, उनकी अपेक्षा कई गुना अधिक तेजी से ऑमिक्रॉन वैरिएंट सामान्यजन को संक्रमित कर रहा है। हमें सतर्क रहना है, सावधान रहना है, लेकिन पैनिक की स्थिति ना आए, इसका भी ध्यान रखना है। हमें यह देखना होगा कि त्योहारों के इस मौसम में लोगों की और प्रशासन की एलर्टनेस कहीं से भी कम नहीं पड़े।’
लगभग 92 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या को दी जा चुकी है पहली डोज
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पहले केंद्र और राज्य सरकारों ने जिस तरह प्री-एम्टिव, प्रो-एक्टिव और कलेक्टिव अप्रोच, अपनाई है, वही इस समय भी जीत का मंत्र है। कोरोना संक्रमण को हम जितना सीमित रख पाएंगे, परेशानियां उतनी ही कम होंगी। भारत में बनी वैक्सीन्स तो दुनियाभर में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर रही हैं। ये हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है कि आज भारत, लगभग 92 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या को पहली डोज दे चुका है। देश में दूसरी डोज की कवरेज भी 70 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है।’
फ्रंटलाइन वर्कर और वरिष्ठ नागरिकों को एहतियात डोज की प्राथमिकता पर जोर
पीएम मोदी ने कहा, ‘10 दिन के भीतर ही भारत अपने लगभग 3 करोड़ किशोरों का भी टीकाकरण कर चुका है। ये भारत के सामर्थ्य को दिखाता है, इस चुनौती से निबटने की हमारी तैयारी को दिखाता है। फ्रंटलाइन वर्कर और सीनियर सिटिजन्स को प्रीकॉशन डोज जितनी जल्दी लगेगी, उतना ही हमारे हेल्थकेयर सिस्टम का सामर्थ्य बढ़ेगा। शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए हर घर दस्तक अभियान को हमें और तेज़ करना है।’
उन्होंने राज्यों से कहा कि सामान्य लोगों की आजीविका, आर्थिक गतिविधियों को कम से कम नुकसान हो, अर्थव्यवस्था की गति बनी रहे, कोई भी रणनीति बनाते समय इसका ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। इसलिए लोकल कन्टेनमेंट पर ज्यादा फोकस करना बेहतर होगा।
समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), अशोक गहलोत (राजस्थान), चरणजीत सिंह चन्नी (पंजाब), बिप्लब देव (त्रिपुरा) व हिमंत बिस्व सरमा (असम) सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।