सूरत, 29 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और दुनिया में कहीं भी रहें, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र काशी को वह कभी नहीं भूलते हैं। गुरुवार को पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात के सूरत शहर में भी ऐसा ही क्षण देखने को मिला, जहां उन्होंने 3400 करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण या शिलान्यास किया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ ही पूर्वांचल को भी याद किया। उन्होंने कहा कि विविध व्यंजनों (Cuisine) और श्रम का सम्मान करने वाले शहर सूरत से काशी और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कनेक्टविटी बढ़ाने के लिए उनकी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जब विश्वास बढ़ता है और प्रयास बढ़ता है तो सबके प्रयास से राष्ट्र के विकास की गति तेज होती है।
रेलवे कोचों के डिजाइन में बदलाव, एक टन के खास कंटेनर बनाए गए
पीएम मोदी ने कहा, ‘सूरत का टेक्सटाइल बाजार काशी और पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी जुड़ा है। पहले से ही ट्रकों के जरिए सामान पूर्वी उत्तर प्रदेश भेजा जाता रहा है। इस जरूरत को देखते हुए रेलवे ने अपने कोचों के डिजाइन में इस तरह से बदलाव किया है कि कार्गो आसानी से उसमें फिट हो सके। इसके लिए एक टन के कंटेनर भी खास तौर पर बनाए गए हैं। इन कंटेनरों को आसानी से लोड और अनलोड किया जाता है। शुरुआती सफलता के बाद अब सूरत से काशी के लिए नई ट्रेन चलाने का प्रयास किया जा रहा है। यह ट्रेन सूरत से काशी तक माल ले जाएगी।’
Delighted to be in the dynamic city of Surat where multiple development works are being dedicated. https://t.co/fRw6ptmsAq
— Narendra Modi (@narendramodi) September 29, 2022
सूरत में होता है आर्ट सिल्क यार्न का उत्पादन
उल्लेखनीय है कि सूत कातने वाले कारीगर सूरत में आर्ट सिल्क यार्न का उत्पादन करते हैं। बहुरंगी काता सूत का 70% बनारसी साड़ी के बुनकरों को भेजा जाता है। वहीं, बाकी की आपूर्ति परिधान इकाइयों को सूट, शर्ट और ड्रेस सामग्री बनाने के लिए की जाती है।
कुछ साल पहले तक बनारसी साड़ी निर्माता भारी और जरदोशी वर्क वाली रेशम की साड़ियां बनाने के लिए चीनी रेशम के धागे का आयात करते थे। हालांकि, आयातित रेशम के धागे पर डंपिंग रोधी शुल्क ने सूरत में यार्न निर्माताओं के लिए रास्ता खोल दिया। पिछले कुछ वर्षों से सूरत विभिन्न रंगों में सिंथेटिक रेशम के धागे की आपूर्ति कर रहा है।