पोर्ट लुईस, 12 मार्च। भारत सरकार मॉरीशस में संसद की नई बिल्डिंग बनाने में सहयोग करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मॉरीशस यात्रा के दूसरे व अंतिम दिन बुधवार को मॉरीशस के प्रधामंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की।
‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ की ओर से यह मॉरीशस को होगी भेंट
पीएम मोदी ने प्रेस मीट में कहा, “यह ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ की ओर से मॉरीशस को भेंट होगी। भारत-मॉरीशस का संबंध, केवल हिन्द महासागर से नहीं बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति की राह पर एक दूसरे के साथी हैं। प्राकृतिक आपदा हो या कोविड विपदा हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या स्पेस, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं।”
भारत में मॉरीशस के 500 सिविल सर्वेंट को ट्रेनिंग दी जाएगी
पीएम मोदी ने कहा, “ग्लोबल साउथ हो या हिन्द महासागर या अफ्रीका भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है। 10 वर्ष पहले, विजन सागर यानि ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ की आधारशिला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। अगले पांच वर्षों में भारत में मॉरीशस के 500 सिविल सर्वेंट को ट्रेनिंग दी जाएगी। हमारे बीच लोकल करेंसी में आपसी व्यापार का सेटलमेंट करने पर भी सहमति बनी है।”
प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के सभी नागरिकों को राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि मुझे दोबारा मॉरीशस के नेशनल डे पर आने का अवसर मिल रहा है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम जी और मॉरीशस सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।’
पीएम मोदी स्वदेश रवाना
पीएम मोदी ने मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद बुधवार देर शाम ही स्वदेश रवाना हो गए। पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र के राष्ट्रीय दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के अलावा पीएम मोदी ने मंगलवार को पोर्ट लुईस में मॉरीशस के अपने समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ वार्ता की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और भारत-मॉरीशस के बीच विशेष बंधन को बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशने पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए गए।

