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BRICS शिखर सम्मेलन : 5 वर्षों के लंबे अंतराल बाद पीएम मोदी व चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की आज होगी मुलाकात

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कज़ान (रूस), 23 अक्टूबर। रूस के हैरिटेज शहर कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बैठक के बारे में पुष्टि की।

गौरतलब है कि यह बैठक भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गश्त व्यवस्था पर समझौते के दो दिन बाद होने जा रही है। विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बताया कि भारत और चीन गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिससे मई, 2020 से पहले की स्थिति वापस आ सकेगी।

गौरतलब है कि पीएम मोदी इस समय 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने रूस के दौरे पर हैं। पीएम मोदी एवं चीनी राष्ट्रपति के बीच यह बैठक करीब पांच वर्षों के लंबे अंतराल पर होने जा रही है। नवम्बर, 2019 में दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। जुलाई, 2014 से नवम्बर 2019 तक दोनों नेताओं के बीच हुई 18 मुलाकातों में 16 मुलाकातें ऐसी रहीं, जिनमें दोनों पक्षों में आमने-सामने बैठकर बातें हुई जबकि एक मुलाकात त्रिस्तरीय रूप में रूस को साथ लेकर हुई एवं एक मुलाकात अनौपचारिक रूप में हुई।

पिछले 2 वर्षों में 2 मुलाकातें, नहीं हो पाईं खुलकर बातें

पिछले दो वर्षों में दो मौंके ऐसे भी आए, जब दोनों नेताओं के बीच दो मुलाकातें तो हुईं, लेकिन खुलकर बातचीत नहीं हो पाई। पीएम मोदी आखिरी बार 2023 में दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले अवश्य थे, लेकिन दोनों नेताओं के बीच कोई खास बातचीत नहीं हो पाई थी। उसके पहले 2022 में बाली में हुए जी20 सम्मेलन के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच बहुत ही संक्षिप्त बातचीत हुई थी। 2023 में भारत में हुए जी20 सम्मेलन में भी चीनी राष्ट्रपति खुद मौजूद नहीं रहे थे।

पहले 5 वर्षों में 18 मुलाकातें, पहली और आखिरी ब्राजील में

पीएम मोदी एवं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जुलाई 2014 से नवम्बर 2019 तक यानी पांच वर्षों में लगभग 18 मुलाकातें हुई। दोनों नेताओं के बीच इन पांच वर्षों में पहली मुलाकात 14 जुलाई, 2014 को ब्राजील में हुई एवं आखिरी मुलाकात भी 13 नवम्बर 2019 को ब्राजील में ही हुई। इसके बाद जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों की सीमा पर तनाव पैदा हो गया था।

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