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बाबरी के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर हुए राममय, अयोध्या आए श्रद्धालुओं पर बरसाए फूल

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अयोध्या, 6 अप्रैल। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में रविवार को बालक राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोग भी श्रीराम जन्मोत्सव में शामिल हो रहे हैं। सर्वाधिक दिलचस्प नजारा यह रहा कि कई वर्षों से बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे बहुचर्चित मुस्लिम नेता इकबाल अंसारी भी आज राममय हो उठे और उन्होंने रामनवमी के अवसर पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की। श्रद्धालुओं की भीड़ पर पुष्प वर्षा करते हुए उन्होंने ‘जय श्रीराम’ का नारा भी लगाया।

श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा के बीच जय श्रीराम का नारा भी लगाया

अपने पिता स्वर्गीय हाशिम अंसारी के पदचिह्नों पर चलते हुए इकबाल अंसारी भी अयोध्या में हिन्दू-मुस्लिम एकता और भाईचारे के चिराग को रोशन किए हुए हैं। श्री रामनवमी के अवसर पर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं पर जय श्रीराम के उद्घोष के साथ इकबाल अंसारी ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। अपनी इस खानदानी परंपरा को निभाते हुए अंसारी काफी प्रफुल्लित नजर आए।

यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम अयोध्या के वासी हैं

मीडिया से बातचीत के दौरान बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने कहा, ‘यह रामनगरी है। यहां भगवान राम ने जन्म लिया। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम अयोध्या के वासी हैं। आज हमें अयोध्या आने वाले अपने मेहमान श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए दिल से खुशी हो रही है। अयोध्या में जो भी श्रद्धालु हनुमान जी, भगवान राम और मठ-मंदिरों के दर्शन करने आ रहे हैं, हम उनका दिल से स्वागत करते हैं।’

इकबाल अंसारी ने अपने आवास के पास श्रीराम जन्मभूमि परिसर के गेट के निकट रामपथ पर चल रही श्रद्धालुओं की भीड़ पर पुष्प वर्षा करते हुए जय श्रीराम का नारा भी लगाया। उनके साथ अयोध्या के गणमान्य नागरिक भी पुष्प वर्षा में शामिल रहे। इकबाल अंसारी ने कहा, ‘हम अयोध्यावासी हैं और हमेशा अयोध्या आने वाले हर श्रद्धालुओं का स्वागत करते रहे हैं। रामनवमी पर्व के अवसर पर जो श्रद्धालु आए हैं, हमने उन पर फूलों की वर्षा की और करते रहेंगे।’

उन्होंने कहा कि अयोध्या देवताओं की नगरी है। अयोध्या शुद्ध है। यहां देवी-देवताओं का वास है। अयोध्या में हिन्दू-मुस्लिम के बीच सौहार्द है। अयोध्या में जो लोग आते हैं, वे अच्छे भाव से आते हैं। सरयू स्नान करते हैं, हनुमानगढ़ी का दर्शन करते हैं और रामलला का दर्शन करते हैं। मठ मंदिरों के दर्शन करने जाते हैं और श्रद्धा का भाव लेकर अपने घरों को जाते हैं।

साधु-संतों का साथ हमारी खानदानी परंपरा है

इकबाल अंसारी ने कहा, ‘हमारा साथ साधु-संतों के साथ हमेशा रहा है। यह हमारी खानदानी परंपरा है। अयोध्या की जो गंगा-जमुनी तहजीब है हम उसी के अनुसार रहते हैं। हम लोग सभी साथ में रहते हैं। यहां पर सदैव से हिन्दू मुस्लिम भाईचारा रहा है और हम सभी का सम्मान करते हैं। जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी आज हमारे बीच में नहीं है। उनकी कमी हम सभी लोगों को लग रही है। हम उनके साथ सदैव रहे हैं। भाईचारे के साथ रहे हैं। प्यार मोहब्बत की बात की है। आचार्य सत्येंद्र शास्त्री रामलला के पुजारी थे, उनका देश-विदेश में सम्मान था। हमारा उनका हमेशा का साथ रहा है। हम दोनों आचार्य सत्येंद्र शास्त्री और हम श्रद्धालुओं पर मिलकर पुष्प वर्षा करते थे। लेकिन आज आचार्य शास्त्री जी हमारे बीच नहीं है। उनकी कमी हमेशा बनी रहेगी।’

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