वाराणसी, 14 दिसम्बर। केंद्रीय कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत को वर्ष 2030 तक 100 बिलियन अमेरीकी डॉलर के कपड़ा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने का विश्वास है। धार्मिक नगरी में लगभग एक माह से जारी काशी तमिल संगमम् के तहत आयोजित दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव के लिए वाराणसी आए गोयल ने मीडियाकर्मियों में बातचीत में यह बात कही।
दिल्ली में 16 दिसम्बर से ‘माई साड़ी माई प्राइड‘ प्रदर्शनी
पीयूष गोयल कहा कि भारत की हाथ से बुनी 75 तरह की साड़ियों का प्रदर्शनी का आयोजन नई दिल्ली में 16 दिसम्बर से किया जा रहा है। यह आयोजन अपने आप में अनूठा होगा। इस प्रदर्शनी का नाम ‘माई साड़ी माई प्राइड’ रखा गया है, जहां हाथ से बुनी पटोला, बनारसी, पैठानी, कांजीवरम और अन्य साड़ियों का प्रदर्शन किया जाएगा। जनपथ हाट में 16 दिसम्बर से शुरू होने वाले इस महोत्सव में देश भर के बुनकर हिस्सा लेंगे।
काशी का तमिलनाडु से गहरा नाता
केंद्रीय मंत्री गोयल ने काशी के तमिलनाडु के साथ गहरे संबंध की चर्चा की और कहा कि उन्हें देव दीपावली पर काशी में फूटे पटाखों की याद आती है, जो शिवकाशी से आता है। इसी तरह तमिलनाडु में तेनकाशी का, जो अपने विशाल कपड़ा क्षेत्र के लिए भी जाना जाता है, भी काशी के साथ गहरा संबंध है।
इस प्रकार देखें तो काशी का संबंध तमिलनाडु से है और काशी पर तमिलनाडु का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि करीब 2000 साल पहले चेतिनाद समूह के लोग काशी आए थे और तभी से यूपी राज्य का हिस्सा बन गए।
टेक्सटाइल कॉन्क्लेव के दौरान तैयार किया जाएगा कपड़ा क्षेत्र का रोडमैप
पीयूष गोयल ने कहा कि दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए देशभर से कपड़ा क्षेत्र का प्रतिनिधिमंडल काशी पहुंचा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रतिभागियों के साथ बैठकों और चर्चाओं के बाद सेक्टर के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।