न्यूयॉर्क,3अक्टूबर। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अमेरिका दौरे के दूसरे दिन न्यूयॉर्क में प्रमुख व्यापारिक नेताओं और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करना, निवेश को बढ़ावा और भारत-अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना था।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने ब्लैकरॉक के मुख्य परिचालन अधिकारी रॉबर्ट गोल्डस्टीन, सिस्टम्स टेक्नोलॉजी ग्रुप के अध्यक्ष और सीईओ अनुप पोपट, टिलमैन होल्डिंग्स के सीईओ संजीव आहूजा, C4V के सीईओ शैलेश उप्रेती और जनुस हेंडरसन इन्वेस्टर्स के सीईओ अली दिबादज के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं।
इन बैठकों के दौरान, गोयल ने भारत और वैश्विक कंपनियों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि भारत की विनिर्माण क्षमता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने इन व्यापारिक नेताओं को भारत में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया और देश में व्यापार को और सरल बनाने के सुझावों पर भी चर्चा की।
पीयूष गोयल ने भारतीय मूल के युवा मीडिया उद्यमी देव प्रगड से की मुलाकात
ब्लैकरॉक के रॉबर्ट गोल्डस्टीन के साथ बैठक विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही, बता दें कि ब्लैकरॉक दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, जिसके पास $9 ट्रिलियन से अधिक संपत्तियां हैं। केंद्रीय मंत्री गोयल ने भारतीय मूल के युवा उद्यमी देव प्रगड, जो न्यूजवीक के सीईओ हैं, से भी मुलाकात की। गोयल ने मीडिया उद्योग में प्रगड के सकारात्मक योगदान की सराहना की जिसने न्यूजवीक को एक प्रमुख वैश्विक मीडिया मंच के रूप में स्थापित किया है।
यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) द्वारा आयोजित बैठक में, गोयल ने व्यापार करने में आसानी, नवाचार को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) सुधारों और विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली प्रोत्साहन योजनाओं पर भी जोर दिया। इस बैठक में उपस्थित निवेशकों ने भारत की हालिया नीतियों पर सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया।
न्यूयॉर्क के रत्न और आभूषण क्षेत्र के प्रमुख व्यापारिक नेताओं के साथ एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसे भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित किया गया था। गोयल ने वैश्विक बाजार में भारत की भूमिका पर जोर दिया और इस क्षेत्र में निवेश और नवाचार की संभावनाओं पर चर्चा की, जो इस उद्योग के विकास को और आगे बढ़ा सकती हैं। गौरतलब है कि भारत हर साल इस क्षेत्र में $39 बिलियन से अधिक का निर्यात करता है।