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पीएफआई महासचिव अनीस अहमद बोले – ‘कानपुर हिंसा से कोई लिंक नहीं, हमें सॉफ्ट टारगेट बनाया जा रहा’

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नई दिल्ली, 7 जून। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के महासचिव अनीस अहमद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई हिंसा से पीएफआई का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों की पीएफआई सॉफ्ट टारगेट बन गई है, लिहाजा किसी न किसी हमले से उसका नाम जोड़ दिया जाता है।

पूरे उत्तर प्रदेश में कोई पीएफआई की कोई इकाई नहीं

अनीस अहमद ने समाचार चैनल ‘आजतक’ से बातचीत में कहा, ‘कानपुर की तो बात ही छोड़िए, पूरे उत्तर प्रदेश में कोई पीएफआई की कोई इकाई नहीं है। पीएफआई की यूपी में सिर्फ एडहॉक यूनिट है। कानपुर हिंसा की एफआईआर में हमारा नाम नहीं है और हिंसा के आरोपितों से भी हमारा कोई संबंध नहीं है।’

राजस्थान, एमपी और यूपी की बीती घटनाओं में कोई लिंक सामने नहीं आया

पीएफआई चीफ अनीस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘केंद्र और भाजपाशासित राज्यों की सरकारें हमें सॉफ्ट टारगेट करती हैं। राजस्थान के करौली में दंगे हुए तो पीएफआई का नाम लिंक करने की कोशिश की गई, लेकिन वहां के एसपी ने खुद कहा कि हिंसा में पीएफआई का कोई रोल नहीं है।’

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा से भी पीएफआई का नाता जोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन अब तक कोई लिंक सामने नहीं आया। वहीं यूपी में भी सीएए एनआरसी के दौरान हुए प्रदर्शनों में पीएफआई का संबंध बताने की कोशिश की गई, लेकिन अब तक कुछ भी साबित नहीं हुआ।’

कानपुर की घटना में 500 लोगों के खिलाफ दर्ज हैं मामले

गौरतलब है कि कानपुर में हिंसा और पथराव की घटना के बाद 500 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और अब तक लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी भी शामिल हैं, जिन्हें इस घटना के मास्टरमाइंड में से एक बताया जा रहा है। हाशमी सहित 36 लोगों के नाम जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा कराने के आरोप हैं। इस हिंसा में पीएफआई जैसे संगठनों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

स्मरण रहे कि निलंबित की जा चुकीं भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने हाल ही में एक टीवी न्यूज चैनल पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिसके विरोध में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जब मुस्लिम सामज के लोगों ने कानपुर शहर में दुकानें बंद कराने का प्रयास किया तो बेकनगंज, परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाकों में झड़पें शुरू हो गईं। इन झड़पों में पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 40 लोग घायल हो गए।

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