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पीएफआई ने गृह मंत्रालय के प्रतिबंध के बाद संगठन को ही भंग करने की घोषणा कर दी

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तिरुवनंतपुरम, 29 सितम्बर। केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगे बैन के बाद जहां देश की सियायत गरम है वहीं स्वयं पीएफआई के केरल राज्य के महासचिव अब्दुल सत्तार ने इस बात की घोषणा कर दी है कि पीएफआई अब इतिहास की बात हो गया और उसे भंग किया जाता है।

अब्दुल सत्तार ने एक बयान में कहा, ‘सभी पीएफआई सदस्यों और जनता को सूचित किया जाता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को विघटित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है, संगठन निर्णय को स्वीकार करता है।’

उल्लेखनीय है कि एनआईए की देशभर में लंबी पड़ताल और अनवत छापेमारी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पीएफआई समेत उससे संबंधित कुल आठ संगठनों को यूएपीए के तहत अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

पीएफआई के साथ जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।

गौरतलब है कि एनआईए ने बीते हफ्ते गुरुवार से पीएफआई के खिलाफ देशभर में अनवरत छापेमारी शुरू की है। बीते मंगलवार को भी सुरक्षा एजेंसी ने देश की राजधानी दिल्ली समेत कुल सात राज्यों में स्थानीय पुलिस की मदद से देश के विभिन्न जिलों में पीएफआइ से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा था और 170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था। उसके दो दिन बाद भी एनआईए ने पीएफआई के देश विरोधी नेक्सस को उजागर करने के लिए 15 राज्यों में छापेमारी करके 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था और कई तरह की देश विरोधी आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया था।

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