नई दिल्ली, 23 नवंबर। समलैंगिक विवाह मामले में दिए गए फैसले की समीक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है। बता दें कि 17 अक्तूबर के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। अब उस फैसले की समीक्षा के लिए एक याचिकाकर्ता ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में पेश हुए। याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की सदस्यता वाली पीठ ने सबमिशन लिया।
मुकुल रोहतगी ने मांग की कि समीक्षा याचिका की खुले कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए ताकि समलैंगिक विवाह की मांग करने वाले लोगों की शिकायतों का निवारण हो सके। समीक्षा याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘मैंने अभी तक याचिका को नहीं देखा है। पहले मुझे इसे पीठ के अन्य जजों के बीच सर्कुलेट करने दीजिए।’ वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि संविधान पीठ के सभी जजों ने माना कि क्वीर लोगों के साथ थोड़ा भेदभाव हुआ है और उन्हें राहत दिए जाने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली 21 याचिकाओं पर अलग अलग फैसले दिए थे। इसके बाद पीठ के सभी पांच जजों ने एकमत होकर समलैंगिक विवाह को विशेष विवाह अधिनियम के तहत कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह संसद के अधिकार क्षेत्र का मामला है।