ईटानगर, 13 जून। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता पेमा खांडू ने आज लगातार तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल ले.ज. (सेवानिवृत्त) केटी परनायक ने दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह के दौरान पेमा खांडू को सीएम के पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। पेमा खांडू के साथ चौना मीन ने लगातार दूसरी बार उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सीएम व डिप्टी सीएम के अलावा 11 अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
LIVE: Swearing-in Ceremony of the new government in Arunachal Pradesh. https://t.co/coogEg5hO3
— BJP (@BJP4India) June 13, 2024
सीएम व डिप्टी सीएम के साथ 11 मंत्रियों ने भी ली शपथ
भव्य शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा समेत कई गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।
Historic Moment for Arunachal Pradesh!
Heartfelt congratulations to Shri @PemaKhanduBJP ji on taking the oath as the Chief Minister of Arunachal Pradesh for the third consecutive term, and heartfelt felicitations to Shri @ChownaMeinBJP ji on taking the oath as Deputy Chief… pic.twitter.com/kC8b0uOLOj
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 13, 2024
इससे पहले बुधवार को दिन में खांडू को सर्वसम्मति से अरुणाचल प्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था। भाजपा नेतृत्व की ओर से नियुक्त दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों – रविशंकर प्रसाद व तरुण चुघ एवं किरेन रिजिजू की मौजूदगी में आहूत विधायक दल की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बियूराम वाहगे ने पेमा खांडू के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसका पार्टी के सभी 46 विधायकों ने समर्थन किया। पेमा खांडू ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बुधवार की शाम राजभवन में राज्यपाल के.टी. पटनायक से भेंट की और नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल पटनायक ने उन्हें नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अगुआई में भाजपा ने अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़कर इस बार इतिहास रच दिया है। भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटें पर जीत हासिल कर लगातार तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी की है।
मोनपा जनजाति से ताल्लुक रखते हैं पेमा खांडू
पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त, 1979 को तवांग में हुआ था। चीन की सीमा से सटे तवांग जिले के ग्यांगखर गांव से ताल्लुक रखने वाले पेमा खांडू मोनपा जनजाति से आते हैं। उन्होंने तवांग के बोम्बा में सरकारी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की उपाधि हासिल की। उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा।
ऐसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत
यूं तो पेमा खांडू को राजनीति विरासत में ही मिली है। उनके पिता दोरजी खांडू भी अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 2005 में पेमा खांडू ने राजनीति में कदम रख दिया था, जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन, उनके असल राजनीतिक सफर की शुरुआत तब हुई, जब उनके पिता दोरजी खांडू का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया।
दोरजी खांडू 2007 से 2011 तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद पेमा खांडू ने वर्ष 2011 में अपने ही पिता के विधानसभा क्षेत्र मुक्तो से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद पेमा खांडू को अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व वाली सरकार में पेमा खांडू को शहरी विकास मंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन में बड़ा मोड़ आया।
भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री रहे हैं पेमा खांडू
पेमा खांडू भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने 37 साल की आयु में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। खांडू के पहले अखिलेश यादव ही भारत के सबसे कम आयु वाले मुख्यमंत्री थे। अखिलेश ने 38 वर्ष की उम्र में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली थी।
फुटबॉल, क्रिकेट जैसे खेलों के शौकीन
पेमा खांडू खेलों के शौकीन हैं। फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल जैसे खेलों में उनकी बड़ी दिलचस्पी है। उन्होंने राजनीति में आने के बाद खेलों को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए हैं।