Site icon hindi.revoi.in

पेगासस फोन टैपिंग विवाद : इजरायल ने आरोपों की जांच के लिए गठित की टास्क फोर्स

Social Share

नई दिल्ली, 22 जुलाई। इजरायली सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए की गई दुनिया के कई देशों में नामचीन हस्तियों की फोन टैपिंग के मामले की जांच के लिए एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। कहा जा रहा है कि इजरायली कम्पनी एनएसओ ग्रुप की ओर से निर्मित सॉफ्टवेयर ‘पेगासस स्पाईवेयर’ से भारत समेत कई देशों के बड़े नेताओं, पत्रकारों और अन्य हस्तियों को इस सॉफ्टवेयर के जरिए निशाना बनाया गया। लगातार लग रहे आरोपों के बीच इजरायल की खराब होती छवि को देखते हुए सरकार ने पूरे मामले की जांच कराने का फैसला किया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इजरायल  ने वरिष्ठ मंत्रियों की एक टीम बनाई है, जो इस पूरे विवाद पर नजर रखेगी। इस टीम का मुख्य जोर एनएसओ ग्रुप पर लग रहे आरोपों की जांच करने के साथ ही देश की साइबर एक्सपोर्ट नीति को परखना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस टीम में इजरायल के रक्षा मंत्रालय, कानून मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और मोसाद से जुड़े लोग शामिल हैं।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने गत 18 जुलाई को एक रिपोर्ट में दावा किया था कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिए दुनिया के कई बड़े नेताओं, पत्रकारों और अन्य हस्तियों का फोन टैप किया गया था। इसमें भारत, फ्रांस, पाकिस्तान, सऊदी अरब समेत कई देशों के लोग निशाने पर थे।

हालांकि भारत सरकार जासूसी के आरोंपों को पूरी तरह खारिज कर चुकी है। फिलहाल संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष द्वारा इस मसले को जोरशोर से उठाया जा रहा है और शुरुआती दो दिनों में इस विषय पर हंगामे के कारण सदन का कामकाज काफी हद तक प्रभावित रहा।

एनएसओ ग्रुप की ओर से भी इन खबरों का खंडन किया जा चुका है। उसका कहना था कि वह सिर्फ सरकारी एजेंसी को ही अपना सॉफ्टवेयर देता है और जो दावे किए गए हैं, उनमें उसका कोई हाथ नहीं है।

उधर फ्रांस ने भी जासूसी मामले की जांच का आदेश दे दिया है। रिपोर्ट में फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित एक हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाए जाने का दावा किया गया है।

Exit mobile version