नई दिल्ली, 29 दिसम्बर। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
A historic day for Assam.
Fulfilling PM @narendramodi Ji's vision for a prosperous, peaceful and developed Northeast, today we have arrived at a landmark resolution to the ULFA insurgency problem of Assam.
The Government of India and the Government of Assam have signed a… pic.twitter.com/bWVOnEKOdo
— Amit Shah (@AmitShah) December 29, 2023
समझौते के तहत असम को बड़ा विकास पैकेज दिया जाएगा
अमित शाह ने शांति समझौते के बाद कहा, ‘लंबे समय तक असम और पूरे उत्तर-पूर्व ने हिंसा झेली है। वर्ष 1979 से अब तक 10,000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। असम का सबसे पुराना उग्रवादी संगठन उल्फा हिंसा छोड़ने और संगठन को भंग करने पर सहमत हो गया। उल्फा के साथ समझौते के तहत असम को बड़ा विकास पैकेज दिया जाएगा। साथ ही समझौते को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।’
ULFA the oldest insurgent group of Assam agreed to abjure the path of violence. Speaking on the signing of a memorandum of settlement with ULFA.
https://t.co/6H1DIHmmHy— Amit Shah (@AmitShah) December 29, 2023
‘ये समझौता असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों की शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण‘
शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ही उग्रवाद, हिंसा और विवाद मुक्त उत्तर-पूर्व भारत की कल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा है… भारत सरकार, असम सरकार और ULFA के बीच जो समझौता हुआ है, इससे असम के सभी हथियारी गुटों की बात को यहीं समाप्त करने में हमें सफलता मिल गई है। ये असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों की शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है।’