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Paytm Payment Bank के मालिक विजय शेखर शर्मा का चेयरमैन पद से इस्तीफा, बोर्ड सदस्यता भी छोड़ी

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नई दिल्ली, 26 फरवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक्शन के बाद से उथल-पुथल के दौर से गुज रहे Paytm Payment Bank में सोमवार को भूचाल ही आ गया, जब कम्मनी के मालिक विजय शेखर शर्मा ने न सिर्फ पेटीएम पेमेंट बैंक के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया वरन उन्होंने Bank के बोर्ड की सदस्यता भी छोड़ दी।

पेटीएम पेमेंट बैंक में बड़े फेरबदल

दरअसल, पेटीएम पेमेंट बैंक पर रिजर्व बैंक की काररवाई के बाद बोर्ड में कई बदलाव किए गए हैं। पेटीएम ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कम्पनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम पेमेंट बैंक के पार्ट टाइम नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से हटने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने PPBL के बोर्ड सदस्य का पद भी छोड़ दिया है।

विजय शेखर के इस्तीफे के बाद PPBL के बोर्ड का पुनर्गठन

विजय शेखर शर्मा के इस्तीफे बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के बोर्ड का पुनर्गठन भी कर दिया गया है, जिसमें कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं.।अब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवासन श्रीधर बोर्ड के सदस्य होंगे। इसके अलावा रिटायर्ड IAS देबेंद्रनाथ सारंगी, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कुमार गर्ग और रिटायर्ड IAS रजनी सेखरी सिब्बल बोर्ड के सदस्य होंगे।

पेटीएम पेमेंट बैंक चलाने के लिए RBI की ये सलाह

उल्लेखनीय है कि RBI के एक्शन के बाद से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। विजय शेखर शर्मा इस बैंक के सबसे बड़े शेयरहोल्डर हैं। पिछले हफ्ते ही RBI ने PPB को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

दरअसल, पेटीएम यूपीआई सर्विसेस यदि पेटीएम पेमेंट से लिंक है तो वह 15 मार्च के बाद नहीं चलेगी। यदि इस सर्विस को जारी रखना है तो ग्राहकों और मर्चेंट को अपने पेटीएम यूपीआई को किसी और बैंक से लिंक करना होगा। पेटीएम की पेरेंट कम्पनी वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड इसके लिए 4-5 बैंकों से संपर्क में है।

वहीं आरबीआई ने पेटीएम की UPI सेवा को बरकरार रखने के लिए NPCI से जरूरी कदम उठाने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने एनपीसीआई को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि पेटीएम एप से सर्विस बरकरार रहे, इसके लिए NPCI पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर हाई वॉल्यूम के यूपीआई ट्रांजेक्शन्स की क्षमता रखने वाले बैंकों के सर्टिफिकेशन की सुविधा प्रदान करे। RBI ने डिजिटल पेमेंट का ऑपरेशन देखने वाली संस्था NPCI से कहा है कि @paytm हैंडल दूसरे नये बैंको में माइग्रेट किया जाए.

15 मार्च के बाद Paytm Payment Bank पर खतरा

आरबीआई ने कहा है कि UPI हैंडल का माइग्रेशन केवल उन ग्राहकों और मर्चेंट के लिए होगा, जिनका यूपीआई हैंडल Paytm पेमेंट बैंक से लिंक है। RBI के इस कदम से पेटीएम पेमेंट बैंक के उन ग्राहकों और मर्चेंट को राहत मिलेगी, जिनका यूपीआई पेटीएम पेमेंट बैंक से लिंक है।

पेटीएम ने एक्सिस बैंक के साथ मिलकर NPCI को UPI बिजनेस के लिए थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर के रूप में काम करने के लिए आवेदन किया था। UPI लेनदेन पेटीएम पेमेंट्स बैंक के माध्यम से होने के कारण पेटीएम को फिलहाल टीपीएपी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। वहीं दूसरी ओर Amazon Pay, Google Pay, Mobikwik, PhonePe और WhatsApp सहित 22 संस्थाओं के पास वर्तमान में TPAP लाइसेंस हैं।

गौरतलब है कि किसी भी यूपीआई अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए बैंक अकाउंट से लिंक करना बेहद जरूरी है। NCPI देशभर में यूपीआई ट्रांजेक्शन का संचालन और निगरानी रखती है। आरबीआई ने एनपीसीआई से से One 97 Communications Ltd की यूपीआई सिस्टम में थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशन प्रोवाइडर बनने के आग्रह की समीक्षा करने को कहा है। आरबीआई का कहना है कि यदि ओसीएल को थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर (TPAP) का स्टेटस मिलता है तो @paytm हैंडल ग्राहकों को बिना किसी मुश्किल में डाले सीमलेस तरीके से माइग्रेट होना चाहिए।

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