नई दिल्ली, 20 जुलाई। संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही महंगाई और आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में वृद्धि के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी बाधित रही।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही थोडी-थोडी देर के लिए स्थगित किए जाने के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गईं। कांग्रेस, डीएमके और वामपंथी दलों सहित विपक्षी सदस्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी में वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए।
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण प्रश्नकाल भी शुरू नहीं हो सका
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बैठक शुरू होते ही प्रश्नकाल शुरू करने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी सदस्यों द्वारा मूल्य वृद्धि के खिलाफ नारेबाजी करने के कारण प्रश्नकाल शुरू नहीं हो सका। अध्यक्ष ने विरोध कर रहे सदस्यों से अपने आसन पर वापस जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की अपील भी बेअसर
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही शुरू करने में सहयोग की अपील की। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बैठक फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी।
लोकसभा स्पीकर ने दो स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित की
परिणामस्वरूप अध्यक्ष ने कार्यवाही अपराह्न चार बजे तक स्थगित करने का निर्णय लिया। अपराह्न चार बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर हंगामा जारी रहा। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों का प्रबल विरोध देखने को मिला
उधर राज्यसभा की कार्यवाही भी मूल्य वृद्धि और जीएसटी दर में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण स्थगित रही। ऊपरी सदन में कांग्रेस, वामपंथी, आम आदमी पार्टी, डीएमके और टीएमसी सहित विपक्षी सदस्य बार-बार सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही शुरू में कुछ समय के लिए और बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।