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उपराष्ट्रपति नायडू की विदाई में प्रधानमंत्री मोदी बोले – उनकी विदाई संभव नहीं, लोग किसी न किसी बात के लिए बुलाते रहेंगे

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नई दिल्ली, 8 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां तक वह निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को जानते हैं, उनकी विदाई संभव नहीं है क्योंकि लोग उन्हें किसी न किसी बात के लिए बुलाते रहेंगे। नायडू पहले सभापति हो सकते थे, जो जानते थे कि कैसे सदन को और अधिक सक्षम बनाना है।

नायडू को विदाई देने के लिए संसद सदस्यों द्वारा संसद भवन परिसर के बालयोगी सभागार में सोमवार की रात आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अच्छे शब्दों का संग्रह नायडू की विरासत को आगे बढ़ाएगा।

वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘उन्होंने हमेशा सदैव उच्च सदन और अन्यत्र मातृभाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया। उन्हें केंद्र सरकार में शहरी विकास और ग्रामीण विकास दोनों विभागों को संभालने का अनूठा गौरव प्राप्त है। शायद नायडू अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जो राज्यसभा के सदस्य थे और इसके सभापति बने।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वेंकैया नायडू ऐसे पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हैं, जो राज्यसभा के सदस्य भी रहें। अब जो लंबे समय तक राज्यसभा में रहे हों, उनको सदन में क्या-क्या चलता है, पर्दे के पीछे क्या चलता है, कौन सा दल क्या करेगा? इन सभी बातों का भली भांति अंदाजा था।

पीएम मोदी ने कहा, ‘नायडू और मैं, हमारी बहुत बातचीत होती थी। जब मैंने अटल जी की सरकार के दौरान पार्टी के लिए काम किया, तब वेंकैया जी कहा करते थे कि वे ग्रामीण विकास विभाग में काम करना चाहते हैं। उनमें इसके लिए जुनून था।’

इस अवसर पर वेंकैया नायडू ने कहा, ‘मैं एक तरफ बहुत खुश हूं और दूसरी तरफ मुझे लगता है, मैं आप सभी को याद कर रहा हूं क्योंकि मैं 10 अगस्त से सदन की अध्यक्षता करने की स्थिति में नहीं रहूंगा…मैं हमेशा सदन का अभिवादन करते हुए ‘नमस्ते’ कहा करता था क्योंकि भारतीय परंपरा और संस्कृति में बहुत कुछ है।’