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अफगानिस्तान संकट : पंजशीर के लड़ाकों और तालिबान के बीच सीजफायर पर सहमति

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काबुल, 26 अगस्त। इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने राजधानी काबुल सहित अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर भले ही कब्जा कर लिया है, लेकिन पंजशीर क्षेत्र में उसकी घुसपैठ नहीं बन सकी। पंजशीर के लड़ाकों के आक्रामक तेवर देख तालिबान को अंततः पीछे हटना पड़ा और अब उसकी नॉर्दर्न एलायंस से एक बार फिर बातचीत शुरू हो गई है। इस क्रम में दोनों ही गुटों के बीच सीजफायर को लेकर सहमति बन गई है।

नॉर्दर्न एलायंस और तालिबान के बीच बातचीत जारी

प्राप्त जानकारी के अहमद मसूद की अगुआई में नॉर्दर्न एलायंस और तालिबान के बीच परवान जिले के चारिकर में बातचीत चल रही है। तालिबान की ओर से बातचीत नेतृत्व मौलाना अमीर खान मुक्तई कर रहा है। तालिबान ने इस बातचीत को अमन जिरगा नाम दिया है।

इस बीच तालिबान ने एक बयान में कहा है कि पंजशीर को लेकर दोनों ही तरफ से सीजफायर पर सहमति बन गई है। पंजशीर में दोनों तरफ के लड़ाके अभी किसी पर गोलीबारी नहीं करेंगे और न ही किसी तरह का तनाव पैदा किया जाएगा।

गौरतलब है कि बीते दिनों तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों के बीच पंजशीर की सीमाओं पर गोलीबारी की खबरें सामने आई थीं, जहां करीब 300 तालिबानियों के मारे जाने की बात कही गई थी। तालिबान लगातार पंजशीर पर कब्जे की कोशिश में है, लेकिन नॉर्दर्न एलायंस के आगे उसकी नहीं चल पा रही है।

नॉर्दर्न एलायंस की अगुआई कर रहे अहमद

अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद इस वक्त नॉर्दर्न एलायंस की अगुआई कर रहे हैं जबकि अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी इसी इलाके में रुके हुए हैं। सभी पक्षों की ओर से बातचीत की पेशकश की गई थी, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर तालिबान जंग चाहेगा तो जंग भी लड़ी जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों गुट साझा सरकार चलाने को लेकर भी बातें कर रहे हैं। नॉर्दर्न एलायंस की ओर से कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिसपर तालिबान को फैसला लेना है। वहीं तालिबान भी पंजशीर के मसले को जल्द सुलझाने का दावा कर रहा है।

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