नई दिल्ली, 1 फरवरी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए एक बड़ी घोषणा की है। इसके तहत अब पैन कार्ड को पहचान पत्र माना जाएगा। निर्मला की इस घोषणा के बाद अब केवाईसी के लिए आधार कार्ड भी देने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी।
अब तक के नियमों के अनुसार कई जगहों पर केवाईसी के लिए आधार और पैन कार्ड दोनो की जरूरत होती थी। लेकिन अब पैन कार्ड का इस्तेमाल सभी सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणाली में सामान्य पहचान पत्र के रूप में किया जाएगा। वित्तमंत्री के अनुसार इससे कारोबार करने में आसानी होगी और एकीकृत पंजीकरण व्यवस्था के लिए केवाईसी कराना भी आसान हो जाएगा।
नई व्यवस्था से केंद्रीय और राज्य स्तर के विभागों में एक एकीकृत प्रणाली उपयोगकर्ता के पैन कार्ड का उपयोग करते हुए सामान्य जानकारी और दस्तावेजों को सिस्टम में स्वतः प्राप्त किया जा सकता है। अब उपयोगकर्ता को दस्तावेजों को बार-बार जमा करने से राहत मिलेगी।
सबसे ज्यादा फायदा नया कोरोबार शुरू करने वाले लोगों को होगा
वित्त मंत्री की इस घोषणा का सबसे ज्यादा फायदा नया कोरोबार शुरू करने वाले लोगों को होगा। अगर किसी ने राज्य स्तर के किसी विभाग से अनुमति लेकर कारोबार शुरू किया है और आगे किसी दूसरे व्यापार के लिए केंद्रीय एजेंसी से अनुमति लेनी है तो आवेदनकर्ता को फिर से सारे दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। एकीकृत प्रणाली के तहत पैन नंबर का उपयोग करके केंद्रीय एजेंसी सारे जरूरी दस्तावेज स्वतः प्राप्त कर लेगी।
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने के लिए 39,000 से अधिक नियमों के पालन की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। आसान व्यापारिक माहौल बनाने के लिए 3400 से अधिक कानूनी कार्यवाहियों को गैर-आपराधिक कर दिया है।