इस्लामाबाद, 31 अक्टूबर। पाकिस्तान में भीषण बाढ़ से तबाही मची हुई है। लाखों लोग बाढ़ के कारण अपने घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पनाह लिए हुए हैं। पाकिस्तान का लगभग एक तिहाई हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। इस बीच पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद और संवेदनाओं का दौर शुरू हो गया है।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तान में आई बाढ़ पर दुख जताते हुए पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। इसके जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी का आभार जताया।
पीएम मोदी ने मंगलवार को किए गए अपने ट्वीट में लिखा था, ‘पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुख हुआ। हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और सामान्य स्थिति की जल्द बहाली की उम्मीद करते हैं।’
Saddened to see the devastation caused by the floods in Pakistan. We extend our heartfelt condolences to the families of the victims, the injured and all those affected by this natural calamity and hope for an early restoration of normalcy.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2022
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा, ‘मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ के कारण हुए मानवीय और भौतिक नुकसान पर शोक व्यक्त करने के लिए धन्यवाद देता हूं। इंशाअल्लाह, अपने विशिष्ट गुणों के साथ, पाकिस्तान के लोग इस प्राकृतिक आपदा के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करेंगे और अपने जीवन और समुदायों का पुनर्निर्माण करेंगे।’
I thank 🇮🇳 PM Narendra Modi @narendramodi for condolences over the human & material losses caused by floods. With their characteristic resilience the people of 🇵🇰 shall, InshaAllah, overcome the adverse effects of this natural calamity & rebuild their lives and communities.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) August 31, 2022
पाकिस्तान में बाढ़ के बाद बीमारी की खतरा
दरअसल, मानसूनी बारिश ने पूरे पाकिस्तान में भीषण तबाही मचाई है, जिससे अब तक करीब 1,100 लोगों की मौत हुई और खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। वहीं, जो इस प्राकृतिक प्रकोप से बच गए हैं, वे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि स्थिति गंभीर है, सिंध, बलूचिस्तान, दक्षिणी पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों के दस्त, हैजा, आंत या पेट में जलन, टाइफाइड और वेक्टर जनित बीमारियां जैसे डेंगू और मलेरिया की चपेट में आने का खतरा है।