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पाकिस्तान : पीएम इमरान की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने भंग की नेशनल असेंबली, विपक्ष ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

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इस्लामाबाद, 3 अप्रैल। पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों से जारी सियासी संकट के बीच रविवार को नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले। इस दौरान देश की निचली संसद यानी नेशनल असेंबली में पहले डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए उसे खारिज कर दिया और 25 अप्रैल तक के लिए सदन स्थगित करने की घोषणा कर दी।

इसके कुछ देर बाद ही प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली भंग कर दी और 90 दिनों के अंदर चुनाव कराने की मंजूरी दे दी। हालांकि, संसद भंग की राष्ट्रपति की मंजूरी को असंवैधानिक बताते हुए विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

 

अगले तीन महीनों में कराए जाएंगे मध्यावधि चुनाव – फवाद चौधरी

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक तरफ संसद भंग कर दी तो वहीं इमरान खान ने भी अपनी कैबिनेट को भंग करने का एलान कर दिया। इस दौरान इमरान खान ने देश को संबोधित करते हुए पूरी आवाम को शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं पैगाम देना चाहता हूं अल्लाह सब देख रहा है। विदेशी ताकतें सरकार को हटाने की कोशिश की कर रही हैं।’ वहीं मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि तीन महीने के अंदर पाकिस्तान में मध्यावधि चुनाव कराए जाएंगे।

पाकिस्तानी सेना ने कहा – इस राजनीतिक हलचल से हमारा कोई लेना-देना नहीं

इस बीच पाकिस्तानी सेना ने भी बयान जारी किया है। आईएसपीआर ने एक बयान जारी कर सेना का पक्ष रखते हुए कहा कि उसका इस राजनीतिक हलचल से कोई लेना देना नहीं है। सेना ने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया से उनका कोई मतलब नहीं है।

सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया : बिलावल भुट्टो

उधर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, ‘सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने दिया। संयुक्त विपक्ष संसद नहीं छोड़ रहा है। हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं।

विपक्ष ने स्पीकर की कुर्सी पर जमाया कब्जा

इसके पूर्व विपक्ष की ओर से अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने संसद के अहम सत्र की अध्यक्षता की। विपक्ष के सदस्य जब सदन पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद वे आंदोलित हो उठे।

इसी क्रम में विपक्षी दलों ने पाकिस्तानी संसद पर ही कब्जा कर लिया। विपक्ष के एक सदस्य संसद में स्पीकर की भूमिका में संसद की कार्यवाही को संचालित करने लगे। इस सियासी ड्रामे के बीच इमरान की पार्टी ने कहा कि अब संसद भंग हो चुकी है और देश में 90 दिनों में चुनाव कराए जाएंगे।

गौरतलब है कि विपक्ष को इमरान खान को सरकार से बाहर करने के लिए 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी जबकि उसने दावा किया था कि उसके पास 177 सदस्यों का समर्थन है।

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