नई दिल्ली, 7 मई। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आतंकी अड्डों पर की गई सैन्य काररवाई ‘आपरेशन सिंदूर’ से बौखलाए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार की रात देश को संबोधित करते हुए तीखा बयान दिया और भारत को कड़े परिणाम भुगतने की गीदड़भभकी दी। उन्होंने कहा, ‘भारत ने जो गलती पिछली रात की, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।’
दावा – ‘पाकिस्तान ने भारत को कुछ ही घंटों में पीछे खदेड़ दिया’
पाक प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम अपने देश की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।‘ उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को कुछ ही घंटों में जवाब देकर पीछे खदेड़ दिया।
भारत की काररवाई में 26 मरे, 40 से अधिक घायल
शहबाज ने कहा कि भारत की काररवाई के कारण अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उन्होंने मृतकों को ‘शहीद’ बताया और कहा कि पूरा पाकिस्तान इन शहीदों के साथ खड़ा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘भारत को हर एक खून के कतरे की कीमत चुकानी होगी। हमने बीती रात साबित कर दिया कि पाकिस्तान जानता है कैसे जोरदार जवाब देना है।’ उन्होंने अंत में पाकिस्तान की सेनाओं को सलाम किया और कहा कि पूरा देश उनकी बहादुरी और बलिदान पर गर्व करता है।
संसद को संबोधित करते हुए मानी थी एयर स्ट्राइक की बात
इससे पहले दिन में शहबाज शरीफ ने संसद में संबोधन देते हुए भारत की एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को हुए नुकसान की बात कुबूल की थी। उन्होंने दावा करते हुए कहा था, ‘कल रात हमें पल-पल की अपडेट मिल रही थी। भारत पूरी तैयारी के साथ आया था और 80 फाइटर जेट से पाकिस्तान में छह जगहों को निशाना बनाया।’
शहबाज ने कहा, “कल रात हमारे ‘दुश्मन’ ने रात के अंधेरे में हम पर हमला किया, लेकिन अल्लाह की दुआ से हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम रही। इस हमले में बच्चों समेत कई नागरिक मारे गए। अल्लाह उन्हें बख्शे और जन्नत में जगह दे।“
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ‘बीते 22 अप्रैल को पहलगाम में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, भारत ने जल्दबाजी में काररवाई की और भारतीय मीडिया ने पाकिस्तान पर बेबुनियाद आरोप लगाना शुरू कर दिया कि हम इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं।’
‘भारत ने हमारी पेशकश स्वीकार नहीं की‘
शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात की है, मैं खुद तुर्की के दौरे पर था, जब हमें पहलगाम हमले की खबर मिली। हमने तभी साफ कर दिया था कि इस हमले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमने कहा था कि हम भी सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन भारत ने हमारी पेशकश स्वीकार नहीं की।’
उन्होंने कहा, ‘22 अप्रैल से लगभग हर दिन हमें सूचना मिल रही थी कि हमला होने वाला है।’ उन्होंने गीदड़भभकी देते हुए कहा, ‘जब भी कोई उकसावे की स्थिति होगी, हमारी सेनाएं जवाबी काररवाई के लिए चौबीसों घंटे तैयार रहेंगी।’

