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पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा – भारत खुद्दार कौम, कोई भी महाशक्ति उसे हुक्म नहीं दे सकती

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इस्लामाबाद, 9 अप्रैल। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली में अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से कुछ घंटे पहले शुक्रवार की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में भारत की खूब तारीफ की और उसे खुद्दार कौम (स्वाभिमानी लोग) बताया। उन्होंने कहा, ‘भारत महान सम्मान की भावना वाला देश है। कोई भी महाशक्ति उसको उसके हितों के खिलाफ कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती। इसका उदाहरण है कि वे (भारत) प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीद रहे हैं।’

भारत के साथ रिश्ते नहीं सुधार पाने का मलाल, आरएसएस को बताया कारण

इमरान खान ने कहा कि वह भारत के खिलाफ नहीं हैं। इसी क्रम में क्रिकेट के बहाने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह से अपने रिश्ते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में उनके (इमरान के) काफी प्रशंसक हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम लेते हुए कहा कि आरएसएस की विचारधारा और उन्होंने (भारत सरकार) कश्मीर में जो किया, उसकी वजह से भारत के साथ संबंध नहीं सुधर सके।

पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ‘कोई भी भारत को हुक्म नहीं दे सकता। यूरोपीय संघ के राजदूतों ने यहां जो कहा, क्या वे भारत को भी कह सकते हैं? वे इसलिए ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है। मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन पहले मैं तय करूंगा कि मेरे लोगों के लिए क्या अच्छा है और मैं अन्य लोगों की ओर देखूंगा। इमरान खान अमेरिका के खिलाफ नहीं हैं, और मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हम समान संबंध चाहते हैं।’

नई आयातित सरकारस्वीकार नहीं

69 वर्षीय इमरान ने अपने समर्थकों का आह्वान किया कि ‘नई आयातित सरकार’ के सत्ता में आने पर वह रविवार की शाम देशभर में सड़कों पर उतरकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करें। हालांकि नेशनल असेंबली में खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन में कोई चमत्कार होने की उम्मीद नहीं है।

‘मैं संघर्ष के लिए तैयार हूं… शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में मेरे साथ शामिल हों’

342 सदस्यीय सदन में एक तरह से बहुमत खो चुके खान ने अपने समर्थकों का आह्वान करते हुए कहा, ‘मैं संघर्ष के लिए तैयार हूं… शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में मेरे साथ शामिल हों।’ प्रधानमंत्री खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है। हालांकि विपक्ष ने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया है। अब खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।

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